scorecardresearch
 

फ्रांस में लॉकडाउन से कोरोना की रफ्तार पर लगा ब्रेक, संक्रमण 84 फीसदी कम

फ्रांस में 17 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया. वहीं अब इसकी बंदिशों में 11 मई से ढील दिए जाने की उम्मीद है. लॉकडाउन के कारण फ्रांस में कोरोना के संक्रमण में बड़े पैमाने पर कमी देखी गई है.

Advertisement
X
फ्रांस में 11 मई से लॉकडाउन में ढील (फोटो- पीटीआई)
फ्रांस में 11 मई से लॉकडाउन में ढील (फोटो- पीटीआई)

  • कोरोना से निपटने के लिए कई देशों में लॉकडाउन
  • लॉकडाउन के कारण फ्रांस में संक्रमण की रफ्तार में कमी

भारत देशव्यापी लॉकडाउन के चौथे हफ्ते में है. वहीं अब एक इंटरनेशनल स्टडी से सामने आया है कि फ्रांस में लॉकडाउन जैसे उपाय से कोविड-19 संक्रमण को 84 फीसदी कम करने में मदद मिली है. ये रिसर्च फ्रांस के इंस्टीट्यूट पास्टियूर के इंफेक्शियस डिसीज यूनिट के मैथेमैटिकल मॉडलिंग, यूके की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के जेनेटिक्स डिपार्टमेंट और अन्य संस्थानों के स्कॉलर्स ने की है.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

फ्रांस में 17 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया. इसकी बंदिशों में 11 मई से ढील दिए जाने की उम्मीद है. स्टडी के मुताबिक, इस उपाय ने वायरस के रिप्रोडक्टिव नंबर को 3.3 से घटाकर 0.5 कर दिया. इससे संक्रमण को प्रभावी ढंग से 84 फीसदी कम करने में मदद मिली.

Advertisement

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

रिसर्च में ये भी चेताया गया है कि लॉकडाउन में पूरी तरह ढील दिए जाना जोखिम वाला हो सकता है. स्टडी के मुताबिक इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए नाकाफी होगी. ये इम्युनिटी लॉकडाउन जारी रहने के दौरान संक्रमित व्यक्तियों में विकसित हुई है.

रिसर्चर्स ने सुझाव दिया है कि फ्रांस को संक्रमण के जोखिम को कम रखने के लिए 11 मई को पाबंदियां हटाने के बाद प्रभावी नियंत्रण वाले उपाय करने होंगे.

अस्पतालों में दाखिले, मृत्यु दर

फ्रांस में Covid-19 का पहला केस जनवरी के आखिर में रिपोर्ट हुआ था. संक्रमण पर लॉकडाउन के असर के साथ ही स्टडी में फ्रांस में अस्पतालों में मरीजों के दाखिले और मृत्यु दर का भी विश्लेषण किया गया. मॉडल्स और अस्पतालों के डेटा का इस्तेमाल कर रिसर्च में निष्कर्ष निकाला गया कि फ्रांस में कुल Covid-19 मरीजों में से सिर्फ 2.6 फीसदी ही अस्पतालों में भर्ती हुए और 0.53 फीसदी की मौत हुई.

फ्रांस में मृत्यु दर 20 साल से कम उम्र वाले वर्ग में सबसे कम 0.001 फीसदी पाई गई और सबसे अधिक 8.3 फीसदी 80 साल से अधिक के आयु वर्ग में देखी गई. स्टडी में कहा गया, 'अस्पतालों में दाखिले और मौत, महामारी को लेकर सीमित तथ्य ही सामने लाते हैं. क्योंकि ऐसा संभव हो सकता है कि युवाओं में ‘मौन’ संक्रमण व्यापक हो.'

Advertisement

कोरोना पर भ्रम फैलाने से बचें, आजतक डॉट इन का स्पेशल WhatsApp बुलेटिन शेयर करें

स्टडी की गणना के मुताबिक अस्पतालों में भर्ती मरीजों की औसत उम्र 68 साल और जिनकी मौत हुई उनकी औसत उम्र 79 साल है. रिसर्च के मुताबिक फ्रांस में ओवरऑल अस्पतालों में भर्ती लोगों में से 20 फीसदी की मौत की संभावना है. स्टडी के अनुमान के मुताबिक फ्रांस में ओवरऑल मृत्यु दर (IFR) 0.5 से 0.7 फीसदी है. ये अनुमान चीनी डेटा के आधार पर लेंसेट मेडिकल जरनल में छपी एक स्टडी के समान है.

फ्रांस में जो अस्पतालों में भर्ती हुए, उन्हें दो सब ग्रुप्स में बांटा गया है. पहले ग्रुप में वो हैं जिनकी अस्पताल में भर्ती होने के थोड़ी देर बाद (एक ही दिन में) मौत हो गई. इस ग्रुप में फ्रांस के अस्पतालों में कुल मौतों का 15 फीसदी हिस्सा बैठता है. दूसरे ग्रुप में बाकी 85 फीसदी अस्पतालों में भर्ती मरीज आते हैं, जिनकी अस्पताल में अधिक दिन बिताने के बाद मृत्यु हुई. इस ग्रुप में भर्ती होने से मृत्यु होने तक औसत 13 दिन का रहा.

पुरुषों को अधिक खतरा

ये अनुमान है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों की अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में भेजने और मरने की अधिक संभावना है. फ्रांस में कुल मौतों में से 60.3 फीसदी पुरुष थे.

Advertisement
Advertisement