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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 80 मजदूरों की मौत पर भड़कीं प्रियंका, कहा- शुरू से की गई उपेक्षा

रेलवे अधिकारियों ने एक डेटा शेयर करते हुए कहा कि अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 80 प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि श्रमिक ट्रेनों की शुरू से उपेक्षा की गई.

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प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो- Aajtak)
प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो- Aajtak)

  • श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्रा के दौरान अब तक 80 प्रवासी मजदूरों की मौत
  • प्रियंका गांधी बोलीं- 40% ट्रेनें लेट चल रही हैं, कितनी ट्रेनें रास्ता भटक गईं

कोरोना लॉकडाउन सबसे ज्यादा परेशानी का सबब प्रवासी मजदूरों के लिए बना हुआ है. अन्य राज्यों में फंसे मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करते रहे. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने उनके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं, ताकि वो आराम से घर पहुंच सकें. हालांकि, इन ट्रेनों से यात्रा करने के बाद भी अब तक 80 लोगों की जान चली गई.

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दरअसल, रेलवे अधिकारियों ने एक डेटा शेयर करते हुए कहा कि अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 80 प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक शख्स की मौत कोरोना के कारण हुई. वहीं 11 लोगों की मौत पहले से किसी बीमारी की चपेट में होने से हुई. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह डेटा 9-27 मई के बीच का है. इस डेटा के सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर हमला किया है.

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प्रियंका ने कहा, श्रमिक ट्रेनों में 80 लोगों की मृत्यु हो गई. 40% ट्रेनें लेट चल रही हैं. कितनी ट्रेनें रास्ता भटक गईं. कई जगह यात्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार की तस्वीरें हैं. इन सबके बीच रेल मंत्रालय का ये कहना कि कमजोर लोग ट्रेन से यात्रा न करें चौंकाने वाला है.

एडवाइजरी पर हमला

प्रियंका ने स्वास्थ्य व गृह मंत्रालय की सलाह पर जारी एडवाइजरी पर भी हमला किया, जिसमें बीमार, हाई ब्लड प्रेशर, हृदयरोग से ग्रसित, कैंसर पीड़ित और इम्यून डेफिसिएंसी वाले कमजोर लोग, गर्भवती महिलाएं, 10 साल की आयु से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को बहुत आवश्यक न होने पर यात्रा न करने की सलाह दी गई थी.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, श्रमिक ट्रेनों की शुरू से उपेक्षा की गई.

बता दें कि बीते दिनों में श्रमिक ट्रेनों के रास्ता भटकने की कई तरह की खबरें आई हैं, जिसके बाद मजदूरों को लेकर चिंता बढ़ गई है. कई ट्रेनें ऐसी भी हैं, जो एक दिन का सफर चार या पांच दिन में तय कर रही हैं, जिसको लेकर लगातार मीडिया में रिपोर्ट्स छपी थीं.

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इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से श्रमिक ट्रेनों में मजदूरों की परेशानियों के मसले पर रेलवे को नोटिस जारी किया गया था. मानवाधिकार आयोग की ओर से गुजरात, बिहार के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया गया है.

इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया है. वहीं, ट्रेन में पानी की कमी, भूख और जरूरी सामान की कमी के कारण हो रही श्रमिकों की मौत या बीमारी को लेकर भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किया है.

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