कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीन के तौर पर इंट्रानेसल वैक्सीन तैयार की है. यानी अब इंजेक्शन के बजाए नेसल स्प्रे से कोरोना से जंग जीती जाएगी. हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया है. हैदराबाद में 10 वॉलेंटियर्स को इंट्रानेसल वैक्सीन की डोज देना शुरू कर दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक नागपुर में भी एथिक्स कमेटी की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है. वहीं चेन्नई में बुधवार को इंट्रानेसल वैक्सीन के लिए मंजूरी दे दी गई. चेन्नई में आज से इसके लिए आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बिहार के पटना में भी इस वैक्सीन का ट्रायल साइट बनाया गया है. इंट्रानेसल वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल में कुल 175 लोगों की इस वैक्सीन की डोज दी जाएगी.
इस वैक्सीन की खास बात यह है कि इस वैक्सीन के लिए सिरिंज की जरूरत नहीं होगी. यह सीधे नाक में छोड़ी जाएगी जिससे यह नाक में जल्दी से एब्जॉर्ब हो जाएगी. इस वैक्सीन की भी लोगों को दो डोज दी जाएगी.
देश में जारी वैक्सीनेशन अभियान के बीच अगर यह वैक्सीन असरदार साबित होती है तो देश में कोरोना से व्याप्त हालात से लड़ने में काफी मदद मिलेगी. देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लोगों को दी जा रही है. प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन का दाम 250 रुपये रखा गया है जबकि सरकारी सेंटर्स पर यह वैक्सीन मुफ्त में मिल रही है.
पहले चरण के वैक्सीनेशन में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी गई थी जबकि दूसरे चरण में 60 साल से अधिक की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. इसके साथ ही 45 से 60 के बीच की उम्र के उन लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.