देश में 21 जून को जहां रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ, उसके बाद वैक्सीनेशन में भी 68% तक गिरावट देखी गई है. इसके साथ ही वैक्सीनेशन और इससे बनने वाले एंटीबॉडीज़ को लेकर भी कई स्टडीज़ सामने आईं हैं. इसी कड़ी में 100 डॉक्टर्स पर एक स्टडी की है दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने. कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेराप्यूटिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज के वैज्ञानिक भी इस स्टडी का हिस्सा थे. रिसर्चर्स ने पाया है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हेल्थ वर्कर्स के संक्रमित होने के पीछे की वजह ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही था. और स्टडी में यह दावा किया गया है कि covid वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 8 गुना कम असरदार है. इस स्टडी की तुलना कोरोनावायरस के पहले स्ट्रेन से की गई है. आपको तो पता ही है की WHO ने पहले ही डेल्टा वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न के लिस्ट में डाल दिया. अब जहां एक बार फिर ये सवाल पूछा जा रहा है कि क्या ये वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट पर काम करती भी है या नहीं. तो इस स्टडी की फाइंडिंग्स क्या है?
पिछले महीने उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात फिर शिवसेना सांसद संजय राउत का पीएम मोदी को देश का सबसे बड़ा नेता बताना, अब बीते शनिवार को पर्दे के पीछे गुप चुप तरीक़े से संजय राउत और भाजपा विधायक आशिष शेलार का मिलना. और कल नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का ये कहना है कि बीजेपी और शिवसेना दुश्मन नहीं, बस वैचारिक मतभेद हैं. ये सब घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति की अटकलों का बाज़ार गर्म करने के लिए काफ़ी हैं. अब चर्चा इस बात की फिर हो रही है क्या दो दशकों से ज्यादा समय तक राज्य की सत्ता में सहोदर की तरह रहीं बीजेपी और शिवसेना फिर साथ आ जाएंगी. हालांकि संजय राउत ने आज पत्रकारों से देंवेंद्र फडणवीस की बात ही लगभग दोहराई. उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी का रिश्ता' आमिरख़ान और-किरण राव जैसा है. तो महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में क्या सब ठीक नहीं है? हालांकि NCP के 22वें स्थापना दिवस के मौक़े पर शरद पवार ने कहा था कि MVA पार्टनर्स साथ में 2024 का चुनाव भी लड़ेंगे. लेकिन जिस तरह हम देख रहे हैं कि शिवसेना कभी मुलाकातों से और कभी बयानों से सहयोगियों पर प्रेशर बनाए हुए है उससे क्या लग रहा है कि ये रणनीति कामयाब रहेगी या फिर आनेवाले चुनावों से पहले गठबंधन टूट भी सकता है? जिस तरह पवार परिवार करप्शन के मामले में घिर रहा है.. क्या उद्धव के पास ये सुविधा होगी कि वो इसे कारण बताकर फिर एनडीए में जा सकें? और कहा जा रहा है कि बीजेपी फडणवीस के लिए केंद्र में जगह बना रही ताकि यहां सब ठीक किया जा सके ये कयास कितने पुख़्ता लगते हैं और क्या फ़ार्मूला होगा बीजेपी का शिवसेना के साथ, साथ निभाने का.
देश की सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने करने के लिए अक्टूबर, 2011 में भारतनेट योजना लॉन्च की गई थी. 2019 तक इसका उद्देश्य था कि इन सभी ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड इंटरनेट क़रीब 100 एमबीपीएस की स्पीड से नेट मिलने लगेगा. दो फेज में इस योजना को पूरा किया जाना था पहले फेज़ में 2019 तक क़रीब एक लाख ग्राम पंचायत तक ऑप्टिकल फ़ाइबर पहुंचानी थी. इसके बाद बची डेढ़ लाख ग्राम पंचायत तक मार्च 2020 तक . लेकिन इसका काम डेडलाइन से लगातार पीछे चल रहा है. तो अभी कितना काम हो पाया है. तो अभी कितना काम हो पाया है और धरातल पर क्या स्थिति है अभी भारतनेट के माध्यम से पहुंचे इंटरनेट की? क्या हर्डल्स हैं कहां अटक रहा है मामला? सरकार ने क्या प्रयास क्या किए हैं इसमें तेज़ी लाने के लिए
'आम', मीठा- रसीला आम। गर्मियों का शहंशाह आम. फलों का राजा आम. और इन्हीं सब उपमाओं के बीच गर्मी से इतर आम की चर्चा आम लोगों में बड़ी तेज़ हो गयी है. लेकिन क्यों? आखिर कारण क्या है? दरअसल एक तो आम का मौसम है. लेकिन बात ये भी है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम भेजे हैं। सिर्फ मोदी ही नहीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आम गिफ्ट किए हैं. ये आम एक-आध किलो नहीं बल्कि छब्बीस सौ किलो हैं. आम बांग्लादेश के रंगपुर ज़िले के हैं और हरिभंगा वैरायटी के हैं. इन आमों को बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन के फर्स्ट सेक्रेटरी मोहम्मद समीउल कादर ने कोलकाता में रिसीव किया. दो सौ साठ डब्बों में भरकर आये ये इन आमों को डिप्लोमेसी के तौर पर देखा जा रहा है. ख़ैर मैंगो डिप्लोमेसी का कांसेप्ट अभी से ही नहीं बल्कि काफी समय से है।यानी आम दो देशों के बीच के रिश्ते में मिठास और कड़वाहट दोनों के लिए ही काम आ जाता है. हालांकि, ऐसा ये पहला मौका नहीं है इससे पहले भी आम डिप्लोमेसी के कई क़िस्से आपको मिल जाएंगे हैं. तो भारत और यूरोप, अमेरिका में कब कब साधी गई आमों के ज़रिए डिप्लोमेसी?
इन सब ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
6 जुलाई 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...