देश में कई दिनों तक कहर बरपाने वाली कोरोना की दूसरी लहर की गति अब धीमी पड़ती जा रही है. अब देश में सिर्फ 125 ही जिले हैं, जहां पर रोजाना 100 से ज्यादा कोरोना के मरीज मिल रहे हैं, जबकि मई में ऐसे जिलों की संख्या पांच सौ से भी अधिक थी. कोरोना के मामलों में कमी आने की वजह से मृतकों का आंकड़ा भी घट गया है, जबकि रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मई के शुरुआती हफ्ते में देश में 531 जिलों में कोरोना वायरस के 100 से अधिक मामले सामने आ रहे थे. मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री लव अग्रवाल ने कहा, ''दो जून वाले हफ्ते में सिर्फ 262 जिलों में ही कोविड के 100 से अधिक केस मिल रहे थे, जबकि अब देश में सिर्फ 125 ही जिले हैं, जहां पर कोरोना के 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. अब रिकवरी रेट बढ़कर 96.7 फीसदी हो गया है.''
कोरोना की रोकथाम के लिए जारी वैक्सीनेशन अभियान को लेकर लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक 31 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 60.73 लाख वैक्सीन की डोज दी गई है. भारत सरकार 25 जून तक के 30 करोड़ से अधिक डोज के अपने टारगेट पर पहुंच गई है. इसमें से 18 करोड़ डोज 45 साल से ऊपर की आयु वालों को लगाई गई, जबकि 18 से अधिक उम्र के लोगों को 7.64 करोड़ डोज लगी हैं.
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में फर्स्ट वैरिएंट ऑफ कंसर्न ब्रिटेन द्वारा घोषित किया गया था, जहां उसकी पहचान की गई थी. अब हमारे पास इसके चार हैं, जिन्हें डब्ल्यूएचओ ने अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा कहा है. डेल्टा वह वैरिएंट है, जोकि भारत में सबसे पहले मिला था. उन्होंने आगे कहा, ''यह भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्होंने इसकी पहचान की और वैश्विक डेटाबेस में डाला. हमारे देश के भीतर किए गए जीनोमिक निगरानी की वजह से विश्व स्तर पर मदद हुई. कई अन्य देशों ने भी वैश्विक डेटाबेस पर इसकी पहचान की, जिसके बाद पता चला कि यह कई देशों में पाया जाता है.''