ब्रिटेन ने कोरोना टीकाकरण की वैश्विक प्रतियोगिता में पहला स्थान तो पा लिया है, लेकिन भारत समेत दुनिया के कई देश इस रेस में ज्यादा पीछे नहीं हैं. फाइजर ने भारत में भी इस्तेमल के लिए इजाजत मांगी है, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फाइजर के टीके को माइनस 70 डिग्री तापमान पर स्टोर करना चुनौतीपूर्ण काम है और फिलहाल भारत इतनी जल्दी मौजूदा कोल्ड चेन क्षमता बढ़ाने की स्थिति में नहीं है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि भारत में कोरोना का टीका आने में ज्यादा देरी है. भारत में नए साल की शुरुआत खुशखबरी के साथ हो सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट जल्द ही केंद्र सरकार के साथ समझौता कर सकता है. सीरम इंस्टीट्यूट की को-वैक्सीन की एक डोज़ की कीमत 250 रुपये हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट शुरुआत में को-वैक्सीन की 6 करोड़ डोज़ उपलब्ध करवाएगा. अगर सरकार सीरम इंस्टीट्यूट को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देती है तो जनवरी में भारत में टीकाकरण की शुरुआत हो जाएगी. जिसके संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दे चुके हैं.
After Pfizer and Serum Institute, Hyderabad-based pharmaceutical firm Bharat Biotech on Monday applied to the central drug regulator seeking emergency use authorisation for its COVID-19 vaccine Covaxin. Watch the video for more information.