देश इस समय कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है. एक तरफ जहां कोरोना हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उम्र ज्यादा होने के बावजूद कोरोना को टिकने नहीं दे रहे. ऐसे ही एक शख्स हैं मध्य प्रदेश के बालाघाट के रहने वाले तुलसीराम सेठिया, जिन्होंने 92 साल की उम्र में भी कोरोना को मात दे दी है.
बताया जाता है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद तुलसीराम सेठिया घर पर ही क्वारन्टीन रहे और इस दौरान उन्होंने खूब संगीत सुना. संगीत की धुन पर तुलसीराम जितना थिरक सकते थे उतनी कोशिश की और अपनी इच्छाशक्ति के बूते आखिरकार कोरोना वायरस को परास्त कर दिया. दरअसल, जब तुलसीराम सेठिया कोरोना पॉजिटिव हुए तो उनकी उम्र को देखते हुए परिजन घबरा गए थे.
हालांकि, तुलसीराम ने तय किया कि वे अस्पताल नहीं जाएंगे और घर पर ही रहेंगे. इसके बाद उन्होंने घर पर ही क्वारन्टीन रहकर उपचार शुरू किया. परिजनों ने इस दौरान उनके ऑक्सीजन लेवल पर लगातार नजर रखी तो घर के बच्चों ने रोज उनके लिए म्यूजिक बजाया. अपने कमरे में पलंग या सोफे पर बैठे-बैठे ही तुलसीराम म्यूजिक की धुन पर थिरकते भी थे. इस दौरान परिवार वालों ने उनका वीडियो भी बनाया जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है.
अब तुलसीराम सेठिया की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. तुलसीराम सेठिया ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि अभी 100 साल तक जीना चाहता हूं. कोरोना को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और बीमारी की बिल्कुल भी चिंता नहीं की. तुलसीराम सेठिया ने कोरोना को कैसे मात दी, इसे लेकर कहा कि मनपसंद खाना खाया, जितना हो सकता था एक्सरसाइज की और कोरोना को हरा दिया.
(बालाघाट से अतुल वैद्य का इनपुट)