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लॉकडाउन ने बिछड़े परिवार को मिलाया, 21 साल बाद क्वारनटीन सेंटर में मिला पति

42 वर्षीय महिला उर्मिला देवी के लिए गुरुवार को उस वक्त खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, जब करीब 21 वर्षों बाद वह अपने पति सुरेश प्रसाद से मिलीं. लॉकडाउन की वजह से ही उन्हें 21 साल पहले लापता हुए अपने पति से मिलने का मौका मिला.

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सुरेश ने 21 साल पहले छोड़ दिया था अपना घर
सुरेश ने 21 साल पहले छोड़ दिया था अपना घर

  • बिछड़े पति से मिलवाने के लिए पुलिस की सराहना
  • आसनसोल क्वारनटीन सेंटर में रह रहा था पति

कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि किसी के लिए यह लॉकडाउन खुशियां लेकर आया है. पश्चिम बंगाल आसनसोल के नर्सिंग बांध इलाके में रह रही 42 वर्षीय महिला उर्मिला देवी के लिए गुरुवार को खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, जब करीब 21 वर्षों बाद वह अपने पति सुरेश प्रसाद से मिलीं.

उर्मिला बताती हैं करीब 21 वर्षों पहले उनका पति शाम के वक्त नाश्ता करने के बाद घूमने की बात कहकर निकले तो फिर वापस ही नहीं आए. कुछ वर्षों पहले उनकी चिट्ठी आयी थी जिसमें लिखा हुआ था कि मैं दिल्ली के चांदनी चौक में हूं मुझे तलाशने की कोशिश मत करना. उर्मिला की 2 लड़कियां और दो लड़के हैं. दोनों लड़कियों की शादी पहले ही हो चुकी है. बाकी के दो लड़कों की पढ़ाई चल रही है. साथ में वे पार्ट टाइम नौकरी भी करते हैं जिससे उनका घर चलता है.

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अचानक से पति का साया हटने से पत्नी उर्मिला देवी पूरी तरह से टूट चुकी थीं. लेकिन उन्होंने अपने चारों बच्चों को देखकर हिम्मत जुटाई और काफी संघर्ष कर अपने चारों बच्चों की परवरिश की. उन्हें पढ़ाया लिखाया और उन्हें इस काबिल बनाया कि वो अपनी जिम्मेदारी खुद समझ सकें. उर्मिला ने अपनी जिंदगी में अनेक कठिनाइयों को झेल कर अपनी दोनों बेटियों की शादी भी की. उर्मिला ने अपने चारों बच्चों को कभी भी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी.

इसी बीच अपने पति सुरेश प्रसाद की खोज बीन भी करती रहीं, पर सफलता हाथ नहीं लगी. उर्मिला ने बताया कि उनका पति यहां कुली, कबाड़ी और रिक्शा चालक का काम करता था. गुरुवार को आसनसोल के कन्यापुर में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से आसनसोल पहुंचे प्रवासी मजदूरों को क्वारनटीन सेंटर में भर्ती कराया. उन्हीं में सुरेश प्रसाद भी शामिल था. पुलिस द्वारा क्वारनटीन सेंटर में रह रहे लोगों की पहचान करने के दौरान ही सुरेश की पहचान बर्नपुर नर्सिंग बांध इलाके के रहने वाले के रूप में की गई.

सुरेश ने अपनी जो कहानी बताई उससे पुलिस का भी दिल पसीज गया. उसने कहा कि वो 21 वर्ष पहले अपने परिवार से बिछड़ गया था. उसके 4 बच्चे हैं जो उसकी पत्नी उर्मिला के साथ रहते हैं. लेकिन उसे परिवार से मिलाने की बजाय क्वारनटीन सेंटर में डाल दिया गया. उनकी कहानी सुनकर पुलिस ने सुरेश की पत्नी उर्मिला देवी से संपर्क साधा और उर्मिला को आसनसोल के एच एल जी अस्पताल में लाया गया. फिर उन्हें पति सुरेश से मिलवाया.

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इतने वर्षों के बाद चेहरों में बदलाव की वजह से पहचान कहीं खोकर रह गई. लिहाजा पारिवारिक परिचय के बाद पुनः जब रिस्तों पर पड़ा धुंध छटा तो पति को पहचान कर उर्मिला फफक-फफक कर रो पड़ी. उसने अपने बिछड़े पति से मिलवाने के लिए पुलिस की सराहना की. उर्मिला का कहना है कि वो कोरोना काल के दौरान देश में जारी लॉकडाउन से काफी खुश हैं. आज लॉकडाउन के कारण ही वो 21 वर्ष पहले बिछड़े अपने पति से मिल पाई हैं. साथ ही उनके बच्चे भी अपने पिता को देखकर काफी खुश हैं.

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