ओमान की राजकुमारी के नाम से एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में बुधवार को वहां काम कर रहे 10 लाख भारतीयों को बाहर निकालने की धमकी दी गई थी. ओमान की जिस राजकुमारी सैय्यदा मोना बिंत फहद अल सैद के नाम से ये फर्जी ट्वीट किए गए थे, अब उन्होंने खुद इसकी असलियत बताई है. ओमान की राजकुमारी ने बयान जारी कर रहा है कि देश से भारतीयों को बाहर निकालने वाले ट्वीट से उनका कोई संबंध नहीं है.
दरअसल, पाकिस्तान के एक ट्विटर अकाउंट ने अपना नाम बदलकर ओमानी राजकुमारी के नाम पर कर लिया था. उसके बाद इस फर्जी अकाउंट से ट्वीट किया गया कि अगर भारत सरकार मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं रोकती है तो ओमान में काम कर रहे भारतीयों को बाहर निकाल दिया जाएगा. एक अन्य ट्विटर यूजर ने सऊदी की राजकुमारी बनकर बिल्कुल ऐसा ही ट्वीट किया. ये ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड भी नहीं थे.
ओमान की राजकुमारी सैय्यदा मोना सुल्तान काबूस यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल को-ऑपरेशन की वाइस-चांसलर हैं. अरबी भाषा में जारी किए गए बयान में ओमान की राजकुमारी सैय्यदा मोना ने कहा, मेरे नाम से चल रहे फर्जी ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट की जांच करने के लिए मैं आप सभी को शुक्रिया कहना चाहूंगी. जैसा कि आपको पता है कि इससे मेरा कोई संबंध नहीं है और ओमान के समाज में ऐसी गतिविधियां बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं. राजकुमारी ने ये भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी इंस्टाग्राम पर @hhmonaalsaid और ट्विटर पर @MohaFahad13 अकाउंट तक सीमित है.
राजकुमारी के नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट से ट्वीट किया गया था, ''ओमान भारत में अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है. अगर भारत सरकार मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं रोकती है तो ओमान में रह रहे 10 लाख भारतीयों को निकाल दिया जाएगा. मैं निश्चित तौर पर इस मुद्दे को ओमान के सुल्तान के सामने उठाऊंगी.'' ताजा घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ओमान की राजकुमारी बनकर किसी ने भारत में सामाजिक सौहार्द और नई दिल्ली के पश्चिम एशियाई देशों के साथ रिश्ते खराब करने की कोशिश की थी.
पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर ने भी इस ट्वीट को सच मानकर रीट्वीट कर दिया था और मोदी सरकार पर निशाना साधा था. हामिद मीर ने लिखा, ''भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन भारतीयों के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं जो दूसरे देशों में काम कर रहे हैं. ओमान की राजुकमारी के ट्वीट से साफ है कि नरेंद्र मोदी की मुस्लिम विरोधी नीतियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है. संभव है कि मध्य-पूर्व में भारत के ये दोस्त अपने संबंधों पर फिर से विचार करें.´´ तमाम पाकिस्तानी भी फर्जी ट्वीट के चक्कर में ओमान की राजकुमारी की तारीफ करने लगे थे.
ओमान की राजकुमारी के स्पष्टीकरण के बाद भारतीय दूतावास ने उनका शुक्रिया अदा किया. ओमान में भारतीय राजदूत मुनु महवार ने कहा, भारत ओमान के साथ अपने दोस्ताना संबंध की कद्र करता है और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए यहां के लोगों और सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा.
ओमान में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीयों को सोशल मीडिया पर गलत मंशा से फैलाई जा रही फेक न्यूज से सावधान रहने की अपील भी की. दूतावास ने कहा, इस चुनौतीपूर्ण वक्त में कोरोना वायरस की लड़ाई में एकजुट होना जरूरी है और हमें अपना पूरा ध्यान इसी पर लगाना होगा. ओमान में रह रहे भारतीय सोशल मीडिया पर हो रहे किसी भी दुष्प्रचार से ना भटकें.