अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मास्क पहनने के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण हो जाता है, तब भी लोगों के लिए मास्क मददगार साबित हो सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि मास्क की वजह से व्यक्ति सीमित मात्रा में ही वायरस के संपर्क में आएगा.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मास्क पहनने से वायरस के कुछ ही ड्रॉपलेट शरीर में आएंगे. वायरल लोड कम होगा. इससे कम बीमार पड़ेंगे. कम वायरस की स्थिति में शरीर बेहतर इम्यूनिटी डेवलप कर सकती है और जान बच सकती है.
मिरर और द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने स्टडी में कहा है कि मास्क पहनने के बाद अगर व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो कम वायरस के संपर्क में आने की वजह से वह कम बीमार पड़ेगा. संभावना जताई गई है कि इससे व्यक्ति बिना लक्षण के ही संक्रमित हो सकता है या फिर हल्के लक्षण होंगे.
हालांकि, इस स्टडी के लिए इंसानों पर ट्रायल नहीं किया गया है. सैन फ्रांसिस्को जनरल हॉस्पिटल की संक्रामक रोग विशेषज्ञ और स्टडी की सह-लेखिका मोनिका गांधी ने कहा है कि मास्क की वजह से वायरस का डोज कम हो जाता है. ये स्टडी जर्नल ऑफ इंटर्नल मेडिसिन में प्रकाशित की जानी है.
मोनिका गांधी ने कहा कि पूरी आबादी के मास्क पहनने के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए. दफ्तरों को भी मास्क पहनने वाली जगहों में शामिल किया जाना चाहिए.