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कोरोना

घर जाने की चाह में हथेली पर जान, सड़क किनारे ही सोने को मजबूर

घर जाने की चाह में हथेली पर जान, सड़क किनारे ही सोने को मजबूर
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कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन के कारण लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. हालांकि कई शहरों से मजदूर अपने घरों की ओर पलायन भी कर रहे हैं. ऐसे में वे रास्ते में जान हथेली पर रखकर सड़क किनारे ही सोने को मजबूर हैं.
घर जाने की चाह में हथेली पर जान, सड़क किनारे ही सोने को मजबूर
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दरअसल, दूसरे राज्य गए मजदूरों का लॉकडाउन के चलते घर पहुंचने का सिलसिला जारी है. सड़क हो चाहे हाईवे, वहां से लगातार मजदूर अपने घरों की ओर निकल रहे हैं. इसी बीच कई प्रवासी मजदूर राजस्थान के तमाम इलाकों से पैदल ही चले आ रहे हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीरें भरतपुर जिले से भी सामने आई हैं.
घर जाने की चाह में हथेली पर जान, सड़क किनारे ही सोने को मजबूर
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कोई दो दिनों से तो कोई लगभग सात दिनों से पैदल चले जा रहा है. कोई अपने घर महराजगंज तो कोई गोरखपुर, गया, रांची जैसे जिलों की ओर निकल पड़ा है. नेशनल हाईवे पर चलते हुए मजदूर तपती धूप में सड़क किनारे ही सोने को मजबूर हैं.
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घर जाने की चाह में हथेली पर जान, सड़क किनारे ही सोने को मजबूर
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कई राज्यों ने अपने मजदूरों को वापस लाने के लिए कुछ जगहों से ट्रेन की व्यवस्था भी कर दी है लेकिन कई जगहों पर मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. यही कारण है कि वे पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े हैं.
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मालूम हो कि लॉकडाउन के चलते रोजगार के ठप होने की सबसे अधिक मार गरीब मजदूरों पर पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से काम बंद हुआ तो लाखों की संख्या में मजदूर जहां थे, वहां ही रुक गए. कुछ मजदूर ज्यादा दिन नहीं रुक पाए तो पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए.
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