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देखें: पिछले 10 साल में कहां से कहां आ गई देश के विकास की रफ्तार

देखें: पिछले 10 साल में कहां से कहां आ गई देश के विकास की रफ्तार

जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बताती है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था पहले से अच्छा कर रही है या बुरा. ताजा तिमाही आंकड़े बताते हैं कि भारत तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लीग में पीछे हो गया है. चीन के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों से पीछे हो गई है.  लोग खरीदारी कम कर रहे हैं और निवेश की मांग कम हो गई है. मिसाल के तौर पर अर्थव्यवस्था में निजी उपभोग की मांग करीब एक साल पहले के 10.6 फीसदी से घटकर 3.1 फीसदी रह गई है. इसके अलावा पूंजी निर्माण, जो अर्थव्यवस्था में निवेश की मांग की गति बताता है, पिछली तिमाही से 0.4 फीसदी नीचे यानी 4 फीसदी पर आ गया है. निवेश के नाम पर कुछ बचा है तो केवल सरकारी निवेश जो पिछले साल के मुकाबले 8.8 फीसदी ज्यादा है। इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (फिच ग्रुप) के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत का कहना है कि बचत में खासकर घरेलू बचत में गिरावट अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी है और बुनियादी तौर पर यह मंदी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. इस तरह की चक्रीय मंदी को रोकने के लिए सरकार के पास कुछ खास पैसा नहीं है. हालांकि हमें उम्मीद है कि सरकार फौरी तौर पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ नए उपायों की घोषणा करेगी.

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