scorecardresearch
 

Salary Hike Tips: सैलरी बढ़ाने के ये तीन तरीके, पहले दो काम में न आएं तो फिर बदल डालें जॉब!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक देश में सालाना 7 से 8 फीसदी के हिसाब से महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसी स्थिति में सैलरी में बढ़ोतरी इससे ज्यादा होनी चाहिए. तभी लोग महंगाई से मुकाबला करते हुए बचत कर पाएंगे. 

Advertisement
X
सैलरी बढ़ाने के तरीके
सैलरी बढ़ाने के तरीके

महंगाई (Inflation) के इस दौर में हर कोई चाहता है कि उसकी सैलरी (Salary) उस हिसाब से बढ़े ताकि सही से जीवनयापन के साथ बचत भी हो सके. क्योंकि महंगाई चरम पर है और लोगों को जीवन व्यतीत करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सैलरी इंक्रीमेंट पर सबसे ज्यादा फोकस होता है. वैसे भी भारत में सबसे ज्यादा लोग प्राइवेट जॉब करते हैं, और उनकी आमदनी का मुख्य जरिया उनकी सैलरी होती है.

योग्यता के हिसाब से लोग जॉब में इंक्रीमेंट चाहते हैं. वैसे वित्तीय सलाहकार का कहना है कि देश की महंगाई दर के मुकाबले सैलरी में इंक्रीमेंट ज्यादा होना चाहिए, तभी इस महंगाई में सैलरीड क्लास जीवनयापन कर पाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक देश में सालाना 7 से 8 फीसदी के हिसाब से महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसी स्थिति में सैलरी में बढ़ोतरी इससे ज्यादा होनी चाहिए. तभी लोग महंगाई से मुकाबला करते हुए बचत कर पाएंगे. 

महंगाई दर से करें सैलरी बढ़ोतरी की तुलना 

दरअसल, देश में अधिकतर कॉरपोरेट कंपनियां भी सालाना महंगाई दर से ज्यादा सैलरी में बढ़ोतरी करती हैं, ताकि कर्मचारियों की आर्थिक सेहत ठीक रहे. लेकिन अगर किसी कर्मचारी की सैलरी में ठीक से बढ़ोतरी नहीं हो रही है, तो फिर वो क्या करें? अधिकतर लोगों की शिकायत यही रहती है कि उसकी सैलरी ठीक नहीं है. लेकिन सच यही है कि सैलरी ठीक करने की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं होती है. इसके लिए कर्मचारी को ही अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. 

Advertisement

अगर किसी कर्मचारी की सैलरी में लगातार कई वर्षों से अच्छी बढ़ोतरी नहीं हो रही है, जबकि उसके खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं, फिर उसे क्या करना चाहिए, ताकि सैलरी में बढ़ोतरी हो सके? आज हम आपको ऐसे तीन तरीके बताएंगे, जिससे आप अपनी सैलरी में बढ़ोतरी कर सकते हैं. ये तीनों तरीके बेहद आसान हैं. अगर आप अपनी सैलरी में ग्रोथ चाहते हैं तो इन ट्रिक्स को आजमा सकते हैं. 

पहला तरीका: आप जिस संस्थान में काम करते हैं, वहां सैलरी स्ट्रक्चर के बारे में पता करें. कोई भी संस्थान कर्मचारी की जरूरतों के हिसाब से सैलरी में इजाफा नहीं करता है, इसके लिए एक पैमाना होता है. अगर आपको लगता है कि आपकी सैलरी कम है, तो इसको लेकर अपने बॉस से बात कर सकते हैं. बॉस से बात करते समय में आपके पास कुछ फैक्ट्स जरूर होने चाहिए, जैसे आपकी सैलरी कैसे कम है और क्यों इजाफा होना चाहिए? उदाहरण के तौर पर बॉस को आप अपने वो काम गिना सकते हैं, जो आपने किए है. इसमें डेली वर्क को शामिल न करें. 

इसके अलावा कंपनी के लिए आप क्यों अहम हैं, इस बारे में जिक्र कर सकते हैं. अगर आपके बॉस ने वेतन बढ़ाने से इनकार कर दिया तो इसका मतलब ये नहीं है कि बातचीत खत्म हो गई. आप अपने बॉस से पूछ सकते हैं कि आगे कब इस मुद्दे पर फिर से विचार हो सकता है. इस दौरान आप अपने काम तन्मयता से करें, कभी भी बॉस के सामने दूसरे कर्मचारी की तुलना न करें. आपको क्यों सैलरी बढ़कर मिलनी चाहिए इसपर आपका फोकस होना चाहिए. अपनी क्षमता को दिखाने के लिए उन्हें बताएं कि आपके आने के बाद से कंपनी को क्या फायदा हुआ या आपने कौन से नए बदलाव किए. अगर बातचीत के बाद भी सैलरी नहीं बढ़ती है, तो दूसरा विकल्प अपना सकते हैं. 

Advertisement

दूसरा तरीका: आप जो काम करे हैं, उस काम की इंडस्ट्रीज में कितनी डिमांड है, इसपर भी विचार करें. अगर लगता है कि इस फील्ड में सही पैसा नहीं है तो आप फील्ड बदल सकते हैं. उसी कंपनी में रहते हुए आप डिमांडिंग स्किल सीख सकते हैं. क्योंकि हर किसी को पता चल जाता है कि उस सेक्टर में किस तरह के लोगों की जरूरत है. हर एक दशक में सेक्टर की डिमांड में बदलाव देखने को मिलता है. हर कर्मचारी को नए स्किल अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. ये सब आप जॉब में रहते हुए भी कर सकते हैं, फिर वही बॉस आपके काम से प्रभावित हो जाएंगे. इससे ना सिर्फ आप अपने काम में मास्टर होंगे, बल्कि कंपनी भी आपको अपने साथ रखने के लिए आतुर रहेगी. साथ ही दूसरे जगह से भी अच्छे ऑफर मिल सकते हैं. 

तीसरा तरीका: अगर आप बहुत साल से एक ही कंपनी में बने हुए हैं, और आपकी सैलरी में महंगाई दर के हिसाब से बढ़ोतरी नहीं हो रही है तो बिना-सोचे समझें जॉब बदल लें. कई बार जॉब बदलते ही नए संस्थान में नई भूमिका मिल जाती है. इसके अलावा काम करने का स्टाइल भी बदल जाता है. नई कंपनी में बहुत सारी नई चीजें सीखने को मिलेंगी. हालांकि नौकरी बदलने से पहले ये जरूर रिसर्च कर लें कि आपके अनुभव, शिक्षा और भूमिका के आधार में नए संस्थान में आपकी क्या सैलरी होनी चाहिए. अगर आपको मौजूदा संस्थान के मुकाबले अच्छे ऑफर मिल रहे हैं तो नौकरी बदलने में कोई बुराई नहीं है. कई बार लोग एक संस्थान में रहते-रहते सैलरी से कंप्रमाइज कर लेते हैं. लेकिन ऐसे कर्मचारी आर्थिक तौर पर अपना नुकसान करते हैं.
 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement