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बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने ब्‍याज दर में की कटौती, ग्राहकों को मिलेगी राहत

रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन में दो बार रेपो रेट में कटौती की है. वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्‍तर है

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बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दी राहत
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दी राहत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है
  • अब तक का सबसे निचला स्‍तर है

कोरोना संकट काल में देश के अधिकतर बैंकों ने ग्राहकों को लोन बांटने के लिए तरह-तरह के उपाय किए हैं. इसके लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को प्रोत्‍साहन भी दिया जा रहा है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन में दो बार रेपो रेट में कटौती की है. वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्‍तर है.

इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने को कहा है. इस वजह से अधिकतर बैंक लोन पर सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (एमसीएलआर) में कटौती भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने रेपो रेट से जुड़े लोन की ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है.

नई दरें आठ जून से प्रभावी

अब बैंक की रेपो रेट से जुड़े लोन की दरें 7.05 प्रतिशत वार्षिक होंगी. नई दरें आठ जून से प्रभावी होंगी. इसकी जानकारी देते हुए बैंक ने बताया कि सभी कर्ज की ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की गई है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सभी श्रेणियों के बैंक लोन पर कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (एमसीएलआर) में भी 0.20 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है. यह भी आठ जून से प्रभावी होंगी.

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ये पढ़ें-बैंक कर्ज देने को तैयार, ग्राहक जोखिम नहीं लेना चाहते

इसके बाद एक साल की अवधि वाले लोन पर ब्याज दर 7.90 प्रतिशत से घटकर 7.70 प्रतिशत हो गई. वहीं छह महीने की अवधि वाले ऋण की ब्याज दर 7.50 प्रतिशत हो गई है. इसमें पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ इंडिया इत्यादि शामिल हैं. 

लोन नहीं ले रहे लोग 
बैंकों की इन कोशिशों के बावजूद लोग कर्ज लेने को तैयार नहीं हैं. हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. उन्‍होंने कहा, ''हमारे पास फंड है, लेकिन कर्ज की मांग नहीं है. ऐसे में बैंकों का पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जहां तक ग्राहकों की बात है तो वे अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. ''

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