बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर जा चुकी हैं. अब देश की कमान सेना के हाथ में है जो अंतरिम सरकार बनाने में जुट गई है. बांग्लादेश में जारी ये उथल-पुथल का माहौल बीते कुछ महीनों से जारी है जिससे वहां पर घरेलू के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी ठप सा हो गया है.
बांग्लादेश की दुनियाभर में पहचान एक प्रमुख टैक्सटाइल निर्यातक देश के तौर पर है. वहां से हर महीने साढ़े 3 से 3.8 अरब डॉलर के कपड़ों का निर्यात किया जाता है. अब बांग्लादेश के सियासी संकट से भारतीय टैक्सटाइल सेक्टर को फायदा मिलने का अनुमान है, क्योंकि वहां से निर्यात का एक बड़ा हिस्सा यहां शिफ्ट हो सकता है.
भारत को मिलेंगे गारमेंट के अधूरे ऑर्डर!
बांग्लादेश के अशांत माहौल के बाद अंतरराष्ट्रीय खरीदार दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं और उनकी नजर में भारत एक मजबूत दावेदार है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगर बांग्लादेश के निर्यात का 10 से 11 फीसदी हिस्सा भी भारत में आता है तो भारत को हर महीने 300 से 400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त कारोबार मिल सकता है.
बांग्लादेश को यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे बड़े बाजारों से सबसे ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं. अब बदले हालात में निर्यातक भी पिछले साल के मुकाबले 2024-25 में 10 फीसदी ज्यादा ऑर्डर का अनुमान लगा रहे हैं. भारत का मासिक कपड़ा निर्यात करीब 1.3 से डेढ़ अरब डॉलर का है. हालांकि अगर भारत के पास 10 फीसदी से ज्यादा ऑर्डर आते हैं तो भी भारत की क्षमता इन्हें आसानी से पूरा करने की है.
भारत को मिलेंगे $400 मिलियन के अतिरिक्त ऑर्डर!
एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत 300 से 400 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त ऑर्डर को तुरंत संभाल सकता है. अगर बांग्लादेश में लंबे समय तक माहौल नहीं सुधरा तो फिर खरीदारों जिन दूसरे बाजारों का रुख करेंगे उनमें भारत और कुछ दूसरे देशों को फायदा मिल सकता है. बांग्लादेश के टैक्सटाइल सेक्टर को हाथ में आए ऑर्डर छिनने की आशंका से इस साल भारी नुकसान हो सकता है. बीते साल बांग्लादेश ने करीब 47 अरब डॉलर का टैक्सटाइल निर्यात किया था. इस साल इसके 50 अरब डॉलर से ज्यादा होने की उम्मीद थी. लेकिन वहां फैली हिंसा ने कपड़ा उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया है.
वापस लौटेंगे भारतीय टेक्सटाइस मैन्युफैक्चरर्स!
लगातार काम बंद होने से बांग्लादेश का टैक्सटाइल सेक्टर अब निर्यात आर्डर पूरा करने की हालत में नहीं है. वैसे बांग्लादेश में कई भारतीय कंपनियों ने भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाई हैं जो वहां के उद्योग का करीब 25 फीसदी हिस्सा है. अब बांग्लादेश के तनावपूर्ण हालात के चलते ये कंपनियां अपने ऑपरेशंस को भारत ला सकती हैं क्योंकि माल की आवाजाही में देरी होने से क्रिसमस सीज़न के लिए सप्लाई चेन पर असर पड़ रहा है. इसका भारत को रणनीतिक फायदा मिलेगा जिससे देश का कपड़ा निर्यात तेज रफ्तार पकड़ सकता है.