इस साल के पहले 9 महीनों के दौरान भारत के टेक स्टार्टअप (Startup) इकोसिस्टम को मिलने वाली फंडिंग जनवरी-सितंबर 2023 के मुकाबले कम रही है. मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म, ट्रैक्सन की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के पहले 9 महीनों में टेक स्टार्टअप्स को 1,036 फंडिंग राउंड्स में 7.6 अरब डॉलर की फंडिंग मिली है, जबकि 2023 में जनवरी-सितंबर के बीच 1,579 फंडिंग राउंड्स में 8.2 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी.
यानी पिछले साल की पहली तीन तिमाहियों के मुकाबले फंडिंग में 7 परसेंट की गिरावट आई है. अगर इस फंडिंग की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से की जाए तो फिर अमेरिका की 86.2 अरब डॉलर की स्टार्टअप फंडिंग के मुकाबले भारतीय स्टार्टअप्स को महज 10 फीसदी फंडिंग मिली है.
स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) में चीन से पीछे नहीं भारत
लेकिन चीन के 8.2 अरब डॉलर के मुकाबले इस अवधि में भारतीय स्टार्टअप्स ज्यादा पीछे नहीं रहे हैं. इस दौरान यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनियों की संख्या में भी 500 फीसदी का भारी भरकम उछाल आया है. 2023 के पहले 9 महीनों में जहां केवल एक स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनने का मौका मिला था.
वहीं इस जनवरी-सितंबर के बीच 6 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए हैं. इसके साथ ही साल के पहले 9 महीनों में 29 स्टार्टअप्स IPOs भी लेकर आए हैं. आइए अब देखते हैं, इस साल के पहले 9 महीनों में किन कंपनियों को सबसे ज्यादा फंडिंग मिली है.
यूनिकार्न बनने की राह में कई स्टार्टअप
ट्रैक्सन के मुताबिक क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो ने दो बार में इस साल 1 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम जुटाई है. इसके अलावा फ्लिपकार्ट ने 350 मिलियन डॉलर DMI फाइनेंस ने 340 मिलियन डॉलर और अपोलो ने 297 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है.
अगर बीते 5 साल के रिकॉर्ड को देखें तो साल के पहले 9 महीनों में 2020 में साढ़े 8 अरब डॉलर 2021 में 29.1 अरब डॉलर और 2022 में 22.3 अरब डॉलर की फंडिंग स्टार्टअप्स ने हासिल की थी.
इस साल टेक इकोसिस्टम (Tech Ecosystem) में 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग के 12 राउंड किए हुए हैं. फिनटेक सेक्टर दूसरे नंबर पर रहा है. लेकिन इसकी कुल फंडिंग 2023 के पहले 9 महीनों के 2.46 अरब डॉलर से 39 फीसदी घटकर 1.49 अरब डॉलर रह गई है.