दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने मासिक धर्म स्वच्छता पर गांवों में महिलाओं के बीच जागरुकता पैदा करने और उन्हें सस्ते सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए एक परियोजना शुरू की है.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मदद से इस परियोजना का विस्तार तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 19 राज्यों में होगा.
शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज के 50 छात्रों के समूह ने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है. अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के नेशनल मिशन फॉर एम्पावरमेंट ऑफ विमेन (NMEW) ने उन्हें सहयोग किया है और इस प्रोजेक्ट को अन्य 21 जिलों में ले जाने के लिए पूछा है.
NMEW की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रश्मि सिंह ने बताया, 'यह छात्र ग्रामीण महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूक करेंगे. हमने ग्रामीण महिलाओं के साथ कई स्वास्थ्य जागरूकता सत्र का आयोजन भी किया है.'
समूह की एक सदस्य गौरी जायसवाल ने कहा, 'इन सत्र के दौरान पता चला कि यह महिलाएं सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करना चाहती हैं, लेकिन इसकी ऊंची कीमतों के कारण इस्तेमाल करना संभव नहीं हो पाता.' अब ग्रामीण महिलाओं को सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए गांवों में वॉलंटियर रखे जाएंगे और एक निर्धारित केंद्र में यह सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाएंगे.