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Good News for Homebuyers: नोएडा में घर खरीदने वालों के लिए ‘खुशखबरी’, रजिस्ट्री में अब लगेंगे कम पैसे

नोएडा में घर खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. नोएडा अथॉरिटी बहुत जल्द ऐसी व्यवस्था ला सकती है जिससे लोगों को अपने फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए अब पहले से कम पैसे देने होंगे. पढ़ें पूरी खबर

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नोएडा में घर खरीदने वालों के लिए ‘खुशखबरी’
नोएडा में घर खरीदने वालों के लिए ‘खुशखबरी’
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रजिस्ट्री पर बचेंगे 20% से 25% पैसे
  • हरियाणा रेरा के फैसले की झलक
  • रियल एस्टेट को मिलेगा बूस्ट

अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और नोएडा में फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे हैं. तो ये खबर आपके काम की है. नोएडा अथॉरिटी बहुत जल्द ऐसी व्यवस्था करने वाली है जिससे फ्लैट खरीदने (Homebuyers) वालों को रजिस्ट्री के लिए अब पहले से कम पैसे देने होंगे. नोएडा अथॉरिटी ने इंटरनल लेवल पर एक डॉक्यूमेंट सर्कुलेट किया है जिसमें फ्लैट की रजिस्ट्री कारपेट एरिया (Carpet Area of Flat) की माप को ध्यान में रखकर की जाएगी. जबकि अभी नोएडा में फ्लैट खरीदने वालों को सुपर एरिया (Super Area of Flat) के हिसाब से रजिस्ट्री के पैसे देने होते हैं.

रजिस्ट्री पर बचेंगे 20% से 25% पैसे

इंडिया टुडे के पास नोएडा अथॉरिटी के इस इंटरनल सर्कुलेट किए गए डॉक्युमेंट की कॉपी है. इसके हिसाब से अगर इस फैसले पर अमल होता है, तो घर खरीदारों को फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए 20 से 25 प्रतिशत कम पैसे देने होंगे. क्योंकि किसी फ्लैट के सुपर एरिया और कारपेट एरिया में 20 से 25 प्रतिशत का अंतर होता है. नोएडा अथॉरिटी बहुत जल्द इस फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है.

हरियाणा रेरा के फैसले की झलक

मई 2021 में हरियाणा रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने अपने एक आदेश में कहा था कि फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए कारपेट एरिया की गणना की जानी चाहिए. इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बिल्डर्स सुपर एरिया के आधार पर फ्लैट की बिक्री करते हैं, लेकिन घर खरीदार असल में फ्लैट के कारपेट एरिया का ही उपयोग करता है. ऐसे में बहुत जल्द रजिस्ट्री नियमों में बदलाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है.’’

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रियल एस्टेट को मिलेगा बूस्ट

नोएडा अथॉरिटी के इस फैसले को रियल एस्टेट डेवलपर भी एक अच्छे कदम के रूप में देखते हैं. क्रेडाई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भावी अध्यक्ष और एबीए कॉर्प के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि अथॉरिटी के इस सुझाव की हम तारीफ करते हैं. Rera की गाइडलाइन्स के बाद अधिकतर बिल्डर पहले ही इसका रुख कर चुके हैं और इसके हिसाब से अपने फ्लैट की कीमतों में बदलाव कर लिया है. लेकिन अगर हकीकत में देखा जाए तो इस फैसले से फ्लैट की कीमत पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना कम है और ना ही इससे सरकार के राजस्व पर कोई फर्क पड़ेगा. हालांकि ग्राहकों के बीच इससे एक अच्छा संदेश जाएगा और रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.

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