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निजीकरण के बाद भी बैंक कर्मचारियों का रखेंगे पूरा ध्यान: निर्मला 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के बाद भी सरकार अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाएगी और इनके कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. 

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 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी कैबिनेट के फैसले की जानकारी (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी कैबिनेट के फैसले की जानकारी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • निजीकरण का बैंक कर्मचारी कर रहे विरोध
  • वित्त मंत्री उनके हितों की रक्षा का भरोसा दिया
  • एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कही ये बात

बैंकों के निजीकरण के विरोध में देशभर में चल रहे हड़ताल का आज दूसरा दिन था. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के बाद भी सरकार अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाएगी और इनके कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. 

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि सरकार दो सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करेगी. इसका देशभर के लाखों बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं और इसके ख‍िलाफ 15 एवं 16 मार्च को उनका दो दिवसीय स्ट्राइक था. सरकार IDBI बैंक का पहले ही निजीकरण कर चुकी है.

क्या कहा वित्त मंत्री ने 

मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग के लिए एक अलग बैंक बनाने पर मुहर लगाई है. इस बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री से बैंकों के निजीकरण के बारे में सवाल किया गया. 

इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, 'बैंकों के निजीकरण के बाद भी सरकार अपनी जवाबदेही से हटेगी नहीं. हम उन्हें बेच नहीं रहे. सभी बैंकों का निजीकरण नहीं होने वाला. हम इन बैंकों को टिकाऊ बनाना चाहते हैं. निजीकरण हुए बैंकों के कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये बैंक चलते रहें. जिन लोगों ने दशकों से स्किल हासिल किया है,  बैंक चलाया है. उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा, उसकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित किया जाएगा. उनके स्केल, सैलरी, पेंशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसलिए यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि ये बैंक बंद हो जाएंगे और कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा.' 

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उन्होंने कहा कि सरकार की सोच यह है कि अगर कुछ लोग पब्लिक सेक्टर में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें स्पेशलाइज करना चाहते हैं, मॉर्डन बनाना चाहते हैं तो इसका फायदा उठाना चाहिए. 

इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग के लिए एक अलग बैंक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट में एक नए नेशनल बैंक बनाने का फैसला लिया गया है, जो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को फंड करने के लिए काम करेगा. इसे बैंक को 'विकास वित्त संस्थान' (डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूट) नाम दिया गया है. 

 

 

 

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