क्या कभी आपने सुना है कि दो लोग कोर्ट में केस लड़ रहे हों और उनके लिए फंडिंग कर रिटर्न कमाया जा सके. दिल्ली के एक Start-Up ने कुछ-कुछ ऐसी ही एक निवेश स्कीम शुरू की है. छोटे निवेशक भी इसमें पैसा लगा सकते हैं. तो जानें इस स्कीम के बारे में...
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दिल्ली के एक स्टार्टअप LegalPay ने ‘अदालती मामलों के लिए फाइनेंस’ (Litigation Financing Product) करने वाली इन्वेस्टमेंट स्कीम पेश की है. हालांकि भारत के लिए ये काफी अनोखी है, लेकिन कई विकसित देशों में इस तरह के निवेश फंड पहले से काम कर रहे हैं.
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Litigation Financing Product में आमतौर पर दो कंपनियों के बीच चलने वाली कानूनी लड़ाई के लिए थर्ड-पार्टी फंडिंग की जाती है. इस तरह की फंडिंग करने वाली कंपनियां या फंड अधिकतर मध्यस्थता अदालतों में चलने वाले कानूनी मामलों में ही पैसा लगाते हैं क्योंकि इन अदालतों में मामलों का निपटारा एक तय समय के भीतर और जल्दी होता है. ऐसे में इन मामलों की फंडिंग पर रिटर्न भी तय समय में मिलता है. (File Photo)
LegalPay की योजना है कि वो ऐसे कानूनी मामलों के लिए फंडिंग करेगी, जो मध्यस्थता अदालतों में फैसले के करीब (Late-Stage) पर हैं. LegalPay इसके लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाएगी और करीब दर्जन भर ऐसे कानूनी मामलों का पूल बनाकर उनमें निवेश करेगी, ताकि निवेश पर जोखिम को कम किया जा सके. कंपनी को 9Unicorns और LetsVenture जैसे कैपिटल फर्म से फंडिंग भी मिली है. (File Photo)
किन कानूनी मामलों में निवेश करना है उसके लिए LegalPay की एक बेहद सरल प्रक्रिया है. स्टार्टअप का पहला फोकस ऐसे B2B कमर्शियल केस होंगे जिनमें फाइनेंस मांगने वाली कंपनी की माली-हालत ठीक हो, उसके पास अच्छी लीगल टीम हो, मामले के सेटलमेंट होने की तारीख क्लियर हो. इस तरह के मामले के लिए कोई भी वकील या कंपनी फाइनेंस के लिए LegalPay को अप्रोच कर सकेंगे. (Photo : Getty)
जब भी कोई अदालती मामलों की फंडिंग के लिए LegalPay से कॉन्टैक्ट करेगा जो कंपनी उनके केस की डिटेल देखने और फाइनेंस जरूरतें देखने के बाद ही उसमें पैसा लगाएगी. इसके लिए LegalPay सामने वाले के साथ एक Non-Discloser Agreement (NDA) भी करेगी और फिर उसे कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए थर्ड पार्टी फंडिंग देगी. (File Photo)
अब सबसे बड़ा सवाल आपके मन में ये होगा कि इसमें निवेश कैसे कर सकते हैं. तो प्रोसेस सिंपल है. LegalPay के फाउंडर कुंदन शाही का कहना है कि वह जो SPV बनाएगी वो एक तरह का पूल फंड होगा जिसके लिए छोटे-छोटे निवेशकों से पैसा जुटाया जाएगा. फिर उस पैसे से इस तरह के दर्जन भर कानूनी मामलों की फंडिंग की जाएगी और जिन कंपनियों को LegalPay फंडिंग करेगी, उनसे उसके रिटर्न की नियम और शर्तें तय करेगी. इस पूल में 25,000 रुपये तक का छोटा निवेश भी किया जा सकता है. (Photo : Getty)
LegalPay के फाउंडर कुंदन शाही का कहना है कि इस तरह के Last Stage वाले अदालती मामलों के निपटारे के लिए अमूमन 20 लाख से 3.5 करोड़ रुपये तक Litigation Finance चाहिए होता है. बिजनेस टुडे की खबर के हिसाब से Litigation Finance में बड़ा जोखिम होता है कि अदालत में केस जीतने के बाद ही रिटर्न मिलता है. (Photo : Reuters)
कुंदन शाही का कहना है कि पहले इस तरह की निवेश स्कीम सिर्फ अमीर लोगों के पास होती थी, लेकिन अब उनकी स्टार्टअप इसका लोकतांत्रीकरण कर रही है. रिटर्न पर जोखिम की बात की जाए तो अगर LegalPay इस तरह के 6 कानूनी मामलों की फंडिंग करती है और उनमें से एक भी मामले में जीत होती है तो निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है और अच्छा रिटर्न मिलता है. कंपनी की योजना अगले 2 साल में 100 करोड़ रुपये का पूल बनाने की है.
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