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फ्लि‍पकार्ट-वॉलमार्ट की डील को मि‍ली CCI की मंजूरी, ट्रेडर्स विरोध में

वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील देश में हुई अब तक की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स डील है. वॉलमार्ट की एंट्री के बाद ई-कॉमर्स फील्ड में डिस्काउंट वॉर शुरू होने की संभावना जताई जा रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

अमेरिका की रीटेल कंपनी वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को कॉम्पीटिशन कमीशन ऑफ इंडि‍या (CCI) ने मंजूरी दे दी है. इससे वॉलमार्ट के लिए फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए रास्ता साफ हो गया है. सीसीआई ने ट्व‍िटर पर इसकी जानकारी दी.  

सीसीआई ने ट्व‍िटर पर बताया कि वॉलमार्ट इंटरनेशनल होल्‍डिंग इंक द्वारा फ्लि‍पकार्ट प्राइवेट लिमिटेड की प्रस्तावित हिस्सेदारी की खरीद को मंजूरी दे दी गई है. सीसीआई की तरफ से इस डील का एलान होने के महज तीन महीने के भीतर यह मंजूरी दी गई है.

हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है. कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) इसका विरोध कर रहा है. उसने कहा है कि वह इस फैसले के ख‍िलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

बता दें इसी साल मई की शुरुआत में वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर (तकरीबन 1 लाख करोड़ रुपये ) में फ्ल‍िपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद फ्लिपकार्ट के उप-संस्थापक सचिन बंसल ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.

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यह देश की अब तक की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स डील है. इस डील को मंजूरी मिलने के बाद समझा जा रहा है कि जिस तरह टेलीकॉम सेक्टर में डेटा वार शुरू हुआ है. उसी तरह, ई-कॉमर्स में भी एक सबसे सस्ते दामों पर सामान बेचने को लेकर होड़ मच सकती है.

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