रेलवे ने बढ़ते वित्तीय बोझ से उबरने के लिए अगले सप्ताह से यात्री किराया और माल भाड़ा करीब 2 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है.
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रेलवे मौजूदा वित्तीय वर्ष के आखिरी छह महीनों में किराया वृद्धि से करीब 1250 करोड़ रुपये अर्जित कर सकता है. हालांकि उपनगरीय और गैर-नगरीय ट्रेनों के किराये में बदलाव नहीं किया जाएगा.
नये सिरे से बढ़ोतरी के बारे में निर्णय फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट (एफएसी) की प्रणाली के तहत किया गया जिसके बारे में घोषणा 2011-12 के रेल बजट में की गयी थी. रेलवे ने डीजल के दाम में 7.3 प्रतिशत वृद्धि और बिजली की दरों में करीब 15 प्रतिशत बढ़ोतरी के अतिरिक्त बोझ को संज्ञान में लिया है.
एसी और शयनयान के किराये में जहां करीब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी वहीं फैसले के अनुसार माल भाड़ा की दर 1.7 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी.