स्विट्जरलैंड सरकार ने संकेत दिया है कि भारत को स्विस बैंक खातों की जानकारी देने को वह बिल्कुल तैयार है, लेकिन इसके लिए भारत से कुछ दस्तावेज हासिल करने जरूरी हैं. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच बैंकिंग सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान 30 सितंबर से पहले हो सकता है. दोनों देशों के बीच सूचनाओं के स्वाभाविक आदान-प्रदान (AEOI) के लिए जनवरी 2018 में इस बारे में समझौता हुआ था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्विटजरलैंड की राजधानी बर्न स्थित स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों ने कहा है कि भारत को सूचनाओं को देने के मामले में कुछ 'दस्तावेज हासिल करने जरूरी होंगे.' स्विट्जरलैंड प्रशासन 2018 तक वहां के बैंकों में सभी भारतीयों के खातों की जानकारी भारतीय कर अधिकारियों को देगा.
स्विट्जरलैंड की दो एजेंसियों के मुताबिक भारत उन 73 देशों में है, जिनके नागरिकों के बैंक खातों की जानकारी इस साल साझा की जाएगी. इस बारे में स्विट्जरलैंड में सभी तरह की विधायी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. खबर के अनुसार, भारत को सैकड़ों खातों की जानकारी दी जाएगी. इसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है.
भारत में भी फॉरेन टैक्सेशन ऐंड टैक्स रिसर्च विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अखबार को बताया कि वे बस बैंक खातों का विवरण हासिल करने ही वाले हैं.
स्विट्जरलैंड के कानून के मुताबिक AEOI को किसीन नए साझेदार देश से लागू करने के मामले में वहां की संसद से मंजूरी लेनी होती है. इस पर संसद के दोनों सदनों में बहस होती है. भारत के मामले में यह प्रक्रिया नवंबर 2016 से ही शुरू हो गई थी.
हाल में भारत की मांग पर स्विट्जरलैंड के बैंकों ने नीरव और पूर्वी मोदी के चार खाते सीज कर लिए हैं. स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों का जमा धन 2017 में 50 प्रतिशत बढ़कर 1.01 अरब सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) यानी करीब 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हालांकि इसमें वे राशियां शामिल नहीं हैं जो किसी अन्य देश में स्थित निकायों के नाम से जमा कराए गए हैं.
एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपये (99.9 करोड़ फ्रैंक) हो गया. वहीं, प्रतिनिधियों या धन प्रबंधकों के जरिए रखा गया धन इस दौरान 112 करोड़ रुपये (1.62 करोड़ फ्रैंक) रहा.