देश में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 150 लाख टन हो चुका है, जो कि पिछले साल की तुलना में 22 फीसदी कम है. वहीं, चीनी निर्यात की बात करें तो चालू सीजन में एक अक्टूबर से लेकर अब तक कुल 30 लाख टन निर्यात के सौदे हुए हैं, जिनमें से 15 लाख टन से ज्यादा चीनी का निर्यात हो चुका है. महाराष्ट्र में उत्पादन में करीब 50 फीसदी की कमी आई है, जबकि यूपी में उत्पादन बढ़ा है.
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि भारत ने चालू सीजन में पांच फरवरी 2020 तक 30 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे किए हैं, जिनमें से 15.5 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है. इसमें 7.5 लाख टन कच्ची चीनी का निर्यात हुआ है.
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एनएफसीएसएफ द्वारा जारी चीनी उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, चालू गन्ना पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चार फरवरी तक देश में चीनी का कुल उत्पादन 149.25 लाख टन हुआ है जोकि पिछले साल 2018-19 की समान अवधि के उत्पादन 191.80 लाख टन से 22.18 फीसदी कम है.
यूपी में बढ़ा, महाराष्ट्र में 50 फीसदी घटा उत्पादन
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 54.50 लाख टन से बढ़कर 57.80 लाख टन हो गया है, जबकि दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 37.35 लाख हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के उत्पादन 73.90 लाख टन से 49.45 फीसदी कम है.
क्यों घटा उत्पादन
बीते मानसून सीजन में महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ के कारण गन्ने की फसल खराब हो जाने से चीनी के उत्पादन में कमी आई है. यही, कारण है इस समय महज 140 मिलों में चीनी का उत्पादन हो रहा है जबकि पिछले साल इस दौरान 192 चीनी मिलें चालू थीं.
चीनी का उत्पादन इस साल देश के तीसरे सबसे बड़ उत्पादक राज्य कर्नाटक में भी घटा है. कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 28.90 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि तक 33.30 लाख टन हुआ था.
एनएफसीएसएफ के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में चीनी का उत्पादन 5.10 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि में वहां 7.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. वहीं, बिहार में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 4.40 लाख टन से बढ़कर 4.40 लाख टन हो गया है.
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वहीं, आंध्र प्रदेश में चीनी का उत्पादन 1.40 लाख टन, मध्यप्रदेश में 2.05 लाख टन, हरियाणा में 2.95 लाख टन, पंजाब में 3.30 लाख टन, तमिलनाडु में 2.20 लाख टन, तेलंगाना में 1.15 लाख टन, उत्तराखंड में 2.10 लाख टन और देश के बाकी हिस्सों में 50,000 टन हो चुका है.