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विशेषज्ञों ने कहा-GST से छोटे व्यापारियों को घबराने की जरूरत नहीं

अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी को एक जुलाई से लागू किये जाने का समर्थन करते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि देशहित में यह कदम उठाना अब जरूरी हो गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी को एक जुलाई से लागू किये जाने का समर्थन करते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि देशहित में यह कदम उठाना अब जरूरी हो गया है. उन्होंने छोटे व्यापारियों से भी कहा है कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. नई व्यवस्था में छोटे कारोबारियों को काफी राहत दी गई है.

हालांकि, विशेषज्ञ यह मानते हैं कि जीएसटी व्यवस्था को लागू करने में शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन बाद में इसके लाभ सामने आने लगेंगे. उनका कहना है कि इस व्यवस्था से देश में जुगाड़बाजी पर अंकुश लगेगा और बिना हिसाब-किताब वाले लेनदेन कम होंगे जो कि देशहित में होगा.

 पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अप्रत्यक्ष कर समिति के चेयरमैन बिमल जैन ने छोटे व्यापारियों के सवाल पर कहा कि 20 लाख रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों पर जीएसटी लागू होने का कोई असर नहीं होगा. वह जिस तरह अपना कारोबार करते आ रहे हैं वैसे ही कारोबार कर सकते हैं, घबराहट की कोई बात नहीं है.

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सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करने जा रही है. पंजाब और हरियाणा में छोटे कारोबारी और कपड़ा व्यापारी अपनी विभिन्न आशंकाओं को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. जैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि दिक्कतें नहीं होंगी, शुरुआती दौर में कुछ दिक्कतें आ सकतीं हैं, लेकिन बाद में सभी को इसका फायदा होने वाला है. यही वजह है कि सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करते हुये कई तरह की राहत दी हैं.

 

हेरा-फेरी की नहीं होगी गुंजाइश

 

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग मंडल के महासचिव ज्योतिर्मय जैन ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि वास्तव में समस्या औपचारिक और अनौपचारिक को लेकर है. अब तक काफी काम अनौपचारिक तौर पर होता रहा है, जबकि नई व्यवस्था में आपको यदि कर का क्रेडिट लेना है, तो आपको औपचारिक तौर पर पक्का बिल बनाना होगा. नई व्यवस्था पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत होगी जिसमें पूरा रिकॉर्ड होगा और हेरा-फेरी की गुंजाइश नहीं रहेगी. उन्होंने भी कहा कि नई व्यवस्था देशहित में है.

 

 

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