देश के सबसे बड़े बाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध लाभ 31 मार्च, 2013 को समाप्त चौथी तिमाही में एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 18.54 प्रतिशत गिर कर 3,299 करोड़ रुपये रहा.
ब्याज आय कम रहने से बैंक के मुनाफे में गिरावट आई है. इससे पिछले वित्त में बैंक ने 4,050.27 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, तिमाही के दौरान उसकी एकल कुल आय बढ़कर 36,331 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 33,959 करोड़ रुपये थी. इस अवधि में बैंक की शुद्ध ब्याज आमदनी 4.42 प्रतिशत घटकर 11,591 करोड़ रुपये रह गई.
मार्च के अंत तक बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां 51,189 करोड़ रुपये थीं, जो इससे एक साल पहले तक 39,676 करोड़ रुपये थीं. तिमाही के दौरान कुल ऋण पर बैंक का सकल एनपीए बढ़कर 4.75 फीसद हो गया, जो इससे एक साल पहले 4.44 प्रतिशत था. वहीं मार्च के अंत तक कुल ऋण पर शुद्ध एनपीए 2.10 फीसद था. समाप्त पूरे वित्त वर्ष में बैंक का शुद्ध लाभ 20 प्रतिशत बढ़कर 14,105 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 11,707 करोड़ रुपये था.
दोपहर के कारोबार में एसबीआई का शेयर 7.24 फीसद के नुकसान से 2,193.20 रुपये प्रति शेयर पर चल रहा था. वित्त वर्ष 2012-13 में एसबीआई की शुद्ध ब्याज आय 2.40 फीसद के इजाफे के साथ 44,331 करोड़ रुपये रही. वहीं वित्त वर्ष के अंत में वसूल नहीं हो रहे ऋणों आदि के लिए बैंक का कुल पूंजीगत प्रावधान 16,977 करोड़ रुपये था, जो 2011-12 के अंत तक 19,866 करोड़ रुपये था.
बैंक ने 31 मार्च, 2013 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 41.50 रुपये प्रति शेयर का लाभांश घोषित किया है. एकीकृत आधार पर 2012-13 में एसबीआई का शुद्ध लाभ 17 फीसद बढ़कर 17,916 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 15,343 करोड़ रुपये था. तिमाही के दौरान पांच सहायक बैंकांे का शुद्ध लाभ बढ़कर 3,678 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 3,627 करोड़ रुपये था.