भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इस साल अपने 5 सहयोगी बैंकों में से एक और बैंक का अपने में विलय कर सकता है. बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा बैंक शेयरों के संस्थागत नियोजन से पूंजी जुटाने की भी मंजूरी लेगा. इस कदम से विलय के लिए आवश्यक पूंजी आधार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
एसबीआई के कॉरपोरेट मुख्यालय में प्रतीप चौधरी ने संवाददाताओं को बताया, ‘हम इस साल निश्चित तौर पर विलय के बारे में विचार करेंगे. जैसे ही पूंजी का आधार बढ़ता है, हम निश्चित तौर पर इस पर सोचेंगे. इस साल, मुझे लगता है कि पूंजी की स्थिति आरामदायक होनी चाहिए.’
स्टेट बैंक के 5 सहयोगी बैंकों में से किस का विलय होगा, इस सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा जहां तक इसकी बात है सभी पर विचार के बाद फैसला लिया जायेगा. स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों में स्टेट बेंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला शामिल हैं.
सरकार देश में बड़े बैंकों की वकालत करती रही है. एक आकलन के अनुसार स्टेट बैंक के सभी सहयोगी बैंकों के इसमें विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक दुनिया के दस बड़े बैंकों में स्थान पा सकता है.
हालांकि, बैंक कर्मचारी संघ विलय का विरोध करते रहे हैं. इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंदौर और स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के विलय के समय कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा था.