रिलायंस कम्युनिकेशंस एंटरप्राइजेज (RoC) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस में अपनी कुल हिस्सेदारी में से 4.52 प्रतिशत हिस्सेदारी इंडसइंड बैंक लिमिटेड के पास गिरवी रखी है. गिरवी रखी गई हिस्सेदारी 12.50 करोड़ शेयर के बराबर है.
कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा कि आरसीई के पास रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) के 49.06 करोड़ शेयर है, जो 17.74 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. इसमें से उसने पूर्व में 4.85 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी है. इंडसइंड बैंक के पास 22 मार्च को गिरवी रखे गये शेयरों को मिलाकर आरसीई अबतक 9.37 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 25.90 करोड़ शेयर गिरवी रख चुका है.
इससे पहले पिछले हफ्ते बड़े भाई मुकेश अंबानी ने छोटे भाई अनिल अंबानी को सहारा देकर एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में मदद की थी, जिससे अनिल अंबानी पर जेल जाने का जो संकट आया था वह टल गया. अनिल अंबानी ने सही समय पर मदद करने के लिए बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता अंबानी का धन्यवाद किया और आभार जताया.
दरअसल, यह मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस पर दूरसंचार उपकरण बनाने वाली स्वीडन की कंपनी एरिक्सन के करीब 550 करोड़ रुपये के बकाया का निपटारा करने से जुड़ा था, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अनिल को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना था अन्यथा उन्हें न्यायालय की मानहानि के मामले में जेल जाना पड़ता.
बहरहाल, आरकॉम ने सोमवार को तय समयसीमा खत्म होने से एक दिन पहले ही एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान कर दिया. अनिल अंबानी के साथ-साथ आरकॉम की दो इकाइयों के चेयरमैन छाया विरानी और सतीश सेठ पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा था.
एरिक्सन को भुगतान करने के तुरंत बाद आरकॉम ने रिलायंस जियो के साथ दूरसंचार संपत्तियों की बिक्री के लिये दिसंबर 2017 में किया गया करार समाप्त करने की घोषणा कर दी. यह सौदा 17,000 करोड़ रुपये का था. करीब 15 महीने पहले अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की संपत्तियों की बिक्री अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी को करने का करार किया था.