रिजर्व बैंक ने छोटे किसानों और सूक्ष्म उद्योगों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 10 इकाइयों को लघु ऋण बैंक स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. इनमें उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज और इक्विटास होल्डिंग्स शामिल हैं.
बुधवार को रिजर्व बैंक की ओर से जिन अन्य इकाइयों को मंजूरी मिली है, उनमें एयू फाइनेंसर्स (जयपुर), कैपिटल लोकल एरिया बैंक (जालंधर), दिशा माइक्रोफिन (अहमदाबाद), ईएसएएफ माइक्रोफाइनेंस (चेन्नई), जनलक्ष्मी फाइनेंशियल (बेंगलुरु), आरजीवीएन (पूर्वोत्तर) माइक्रो फाइनेंस (गुवाहाटी), सूर्योदय माइक्रो फाइनेंस (मुंबई) व उत्कर्ष माइक्रो फाइनेंस (वाराणसी) शामिल हैं.
गौरतलब है कि पिछले महीने ही केंद्रीय बैंक ने भुगतान बैंक शुरू करने के लिए 11 इकाइयों को मंजूरी दी थी. इनके अलावा पिछले साल दो नई इकाइयों- आईडीएफसी और बंधन को सम्पूर्ण बैंकिंग सेवा लाइसेंस दिया गया है. इनमें से बंधन ने पिछले महीने परिचालन शुरू कर दिया, जबकि आईडीएफसी बैंक अगले महीने से कामकाज शुरू कर सकता है.
क्या और किन्हें मिलेगी मदद
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, 'सैद्धांतिक मंजूरी 18 महीने के लिए वैध रहेगी ताकि ये इकाइयां लघु ऋण बैंकों की स्थापना संबंधी दिशानिर्देशों का अनुपालन कर काम शुरू करने की तैयारी कर सकें. लघु ऋण बैंक छोटे किसानों, कुटीर उद्योग चलाने वाले उद्यमियों, अति लघु और लघु उद्योगों व असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को प्राथमिक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं. इसमें एक सीमित स्तर की जमाएं स्वीकार करना और छोटे ऋण देना शामिल है. आरबीआई को लघु ऋण बैंक लाइसेंस के लिए 72 आवेदन मिले थे.
इस बारे में टिप्पणी करते हुए उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ समित घोष ने कहा कि बैंक का कामकाज 18 महीने के भीतर शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हमने भारतीय प्रवर्तकों की पहचान का काम शुरू कर दिया है. इस पर थोड़ा काम किया है. उन्होंने कहा, 'आज भारतीय निवेश समुदाय की तरफ से इस संदर्भ में काफी रुचि है. हमें पुनर्गठन करना है ताकि 18 महीने के भीतर हम बैंक शुरू कर सके.'
एक और फर्म जनलक्ष्मी फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि हमारा इरादा जनलक्ष्मी को बैंक में तब्दील करना है और एक ऐसा ढांचा सृजित करना है, जिसके बारे में रिजर्व बैंक ने सार्वभौमिक बैंक श्रेणी के तहत सुझाव दिया है.
-इनपुट भाषा से