टीवी पर एक से बढ़कर एक लग्जरी कंडोम के विज्ञापन देखने के बाद भी हो सकता है कि आने वाले दिनों में आप उसे खरीद ही न सकें. दरअसल, भारत में लग्जरी कंडोम के बाजार पर बड़ा संकट छाने जा रहा है. ऐसा कंडोम के अधिकतम दाम तय किए जाने से हुआ है.
नए ड्रग प्राइसिंग ऑर्डर के मुताबिक, एक कंडोम की कीमत 6.50 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती है. समस्या यह है कि इस कीमत में कोई भी लग्जरी कंडोम आ ही नहीं सकता है. हालांकि कंडोम बनाने वाली कई कंपनियों ने नए कंडोम प्राइसिंग ऑर्डर को अदालत में चुनौती दी है.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, टीटीके ने कंडोम को दवा मानते हुए उसका अधिकतम मूल्य तय करने के सरकारी आदेश के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. दूसरी कंपनियां भी संबंधित विभाग पर दाम को फिर से विचार करने का दबाव बना रही हैं.
पिछले महीने आदेश आने के बाद कंडोम बनाने वाली कंपनियों ने विज्ञापनों में भी कमी की है. भारत में नए प्रीमियम कंडोम उतारने का प्लान भी टाल दिया गया है.
कीमत कंट्रोल करने की जरूरत क्यों पड़ी?
भारत में तेजी से बढ़ती जन्मदर पर काबू पाने के लिए कंडोम को जरूरी टूल माना गया. इतना ही नहीं, यौन रोगों पर रोकथाम के लिए कंडोम बेहद उपयोगी चीज साबित होती है. इसकी अधिकतम कीमत तय करने के पीछे सरकार की मंशा यही है कि कंडोम ज्यादा महंगा न हो सके और हर किसी तक इसकी पहुंच आसान हो.
कंडोम निर्माता कंपनियों का पक्ष
कंडोम बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि भारत में लग्जरी कंडोम की कीमत अन्य देशों के मुकाबले पहले से ही कम है. ऐसे में अधिकतम दाम तय करने से लग्जरी कंडोम की ब्रिकी ही ठप पड़ जाएगी. भारत में अभी 1 पीस लग्जरी कंडोम की कीमत करीब 10 से 20 रुपये के बीच बैठती है. सबसे महंगे कंडोम ड्यूरेक्स रियलफील की कीमत लगभग 50 रुपये प्रति पीस है.