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दावोस: मेक इन इंडिया-अमेरिका फर्स्ट का गूंजेगा नारा, मोदी-ट्रंप दिखाएंगे पावर

दावोस में विश्व आर्थ‍िक मंच की 48वीं बैठक की कुछ ही घंटों में शुरुआत हो जाएगी.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से इस बैठक की शुरुआत होगी. वहीं, बैठक की समा‍प्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण से होगी.

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पीएम मोदी और यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप (FILE PHOTO)
पीएम मोदी और यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप (FILE PHOTO)

दावोस में विश्व आर्थ‍िक मंच की 48वीं बैठक की कुछ ही घंटों में शुरुआत हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से इस बैठक की शुरुआत होगी. वहीं, बैठक की समा‍प्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण से होगी. दावोस के मंच पर दोनों ही नेता अपना दमखम दिखाने के लिए पहुंचे हैं. जहां पीएम मोदी 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने की कोश‍िश में जुटे हुए हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप भी 'अमेरिका फर्स्ट' का नारा लेकर बैठक में पहुंचे हैं.

बैठक इसलिए है अहम

करीब दो दशक बाद यह पहली बार है, जब भारत के प्रधानमंत्री WEF के मंच पर पहुंच रहे हैं. इस दौरान वह देश में हुए आर्थ‍िक सुधारों पर बात कर सकते हैं. अमेरिका के लिए भी यह पहली बार है, जब 18 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति दावोस पहुंच रहा है. इससे पहले 2000 में बिल क्लिंटन यहां पहुंचे थे. इन दोनों नेताओे का दौरा इसलिए भी अहम है क्योंक‍ि दोनों नेता दूसरे देशो के साथ संबंध सुधारने पर जोर देंगे.

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ट्रंप-मोदी की आर्थ‍िक रणनीति का हिस्सा है दौरा

पीएम मोदी जहां कई प्रमुख कंपनियों के कार्यकारी अध‍िकारियों (CEO) के साथ मीटिंग कर चुके हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप भी इसी मंशा से दावोस के मंच पर पहुंचे हैं. अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि ट्रंप का दावोस जाना 'अमेरिका फर्स्ट' के उनके नारे के ख‍िलाफ उठाया गया कदम नहीं है, बल्क‍ि वह अपने इस नारे को दुनिया के साथ बांटना चाहते हैं.

यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन नुचिन ने बैठक से पहले इस बात की ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि दावोस जाने का एक ही म‍तलब है कि 'देश का आर्थ‍िक समूह वहां जाएगा और अमेरिका फर्स्ट की आर्थ‍िक रणनीति को लेकर बात करेगा.  

'भारत का मतलब बिजनेस'

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां भारत को कारोबार करने के लिए एक मुफीद जगह बताने का लक्ष्य लेकर पहुंचे हैं. उन्होंने प्रतिष्ठ‍ित कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अध‍िकारियों के साथ बैठक में यह साफ किया था कि भारत का मतलब बिजनेस है. उन्होंने इससे साफ जाहिर किया है कि वह निवेशकों को लुभाएंगे और दुनिया के दूसरे देशों व कंपनियों को मेक इन इंडिया का न्यौता देंगे.

गिनाएंगे अपनी उपलब्ध‍ियां

भारत में पीएम मोदी को नोटबंदी और जीएसटी जैसे रिफॉर्म्स की वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है. वहीं, ट्रंप की बात करें, तो अमेरिका में उनके ख‍िलाफ भी लोगों का रवैया कुछ सकारात्मक नहीं है. ऐसे में इन दोनों नेताओं की कोश‍िश विश्व मंच पर अपनी उपलब्ध‍ियों को गिनाने की भी रहेगी. इससे ये नेता न सिर्फ अपनी तरफ से लिए गए फैसलों के फायदों को गिनाएंगे, बल्क‍ि अपनी उपलब्ध‍ियां भी गिनाएंगे.

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पूरी दुनिया की है इन दोनों पर नजर

इस तरहत दावोस की 48वीं बैठक में जहां पीएम मोदी परदा उठाएंगे, वहीं, ट्रंप परदा गिराने वाले हैं. ऐसे में इस पर पूरी दुनिया की नजर है कि यहां पहुंचे हजारों प्रतिनिध‍ियों और वर्ल्ड  लीडर्स को कौन ज्यादा लुभा पाता है.

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