अधिकारसंपन्न मंत्री समूह ने सीडीएमए मोबाइल कंपनियों के काम आने वाले स्पेक्ट्रम की ब्रिकी के लिए न्यूनतम कीमत में 50 प्रतिशत तक की कमी करने की सिफारिश की है. स्पेक्ट्रम नीलामी का दूसरा चरण 11 मार्च को शुरू होना है जिससे सरकार को 45,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की इच्छा के साथ बताया कि वित्तमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में मंत्रियों के अधिकारसंपन्न समूह (ईजीओएम) ने मंत्रिमंडल को सुझाव दिया है कि तरंग के लिए आरक्षित या शुरुआती मूल्य में 30 से 50 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है. स्पेक्ट्रम कीमतों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल अंतिम फैसला करेगा.
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं को बताया कि नई दिल्ली व मुंबई सहित चार बाजारों 1,800 मेगाहट्र्ज (Mhz) 2जी फोन स्पेक्ट्रम की नीलामी 11 मार्च को शुरू होगी. इन बाजारों के लिए नवंबर 2012 में ब्रिकी नहीं हुई थी. सरकार जीएसएम नीलामी के बाद 800 मेगाहट्र्ज तथा 900 मेगाहट्र्ज (Mhz) स्पेकट्रम बेचेगी.
नवंबर की नीलामी में लगभग 70 प्रतिशत स्पेक्ट्रम नहीं बिका था. इस नीलामी से सरकार को 9,410 करोड़ रुपये मिले जो कि सरकार द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी लक्ष्य की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम है.
ईजीओएम ने पिछले महीने सुझाव दिया था कि नीलामी में नहीं बिके 2जी स्पेक्ट्रम के लिए आरक्षित या आधार मूल्य में 30 प्रतिशत की कमी की जाए. सिब्ब्बल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल 800 मेगाहट्र्ज (Mhz) ब्रिकी के लिए न्यूनतम कीमत का फैसला इसी महीने कर सकता है.
नवंबर की नीलामी के दौरान किसी भी कंपनी ने सीडीएमए स्पेक्ट्रम (800 मेगाहट्र्ज) की बोली नहीं लगाई क्योंकि आरक्षित मूल्य अधिक था. आरक्षित मूल्य, कंपनियों ने 2008 में जितना भुगतान किया था, की तुलना में 11 गुना ऊंचा रखा गया था.
एक अनुमान के अनुसार सरकार अगर सीडीएमए स्पेक्ट्रम की कीमत में 30 प्रतिशत की कटौती करती है तो 800 व 900 मेगाहट्र्ज (Mhz) की नीलामी से 48,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. अगर आरक्षित मूल्य में 50 प्रतिशत की कमी होती है तो 45,000 करोड़ रु मिलेंगे. मंत्री समूह ने सोमवार को सीडीएमए मोबाइल सेवाओं के लिए 800 मेगाहट्र्ज (Mhz) तथा अनबिके जीएसएम स्पेक्ट्रम की नीलामी के कार्य्रकम को अंतिम रूप दिया.
सिब्बल ने कहा, 'सोमवार को जिसके लिए घोषणा की गई है वह सारी नीलामी मार्च 2013 में होगी.' नीलामी की शुरुआत 1800 मेगाहट्र्ज (Mhz) बैंड में अनबिके स्पेक्ट्रम के साथ होगी. पिछली नीलामी में सरकार को स्पेक्ट्रम बिक्री से केवल 9,407 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जबकि इससे 28,000 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद की जा रही थी. इसका कारण उच्च आरक्षित मूल्य था.
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में 122 लाइसेंस रद्द कर दिये. इसमें सिस्तेमाल श्याम टेलीसर्विसेज को 21 सर्किलों में मिला लाइसेंस तथा तीन सर्किलों में टाटा टेलीसर्विसेज को मिला लाइसेंस शामिल हैं.