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अनिल अंबानी की नई मुश्किल, NCLAT ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण ने HSBC डेजी की अवमानना याचिका पर अनिल अंबानी से जवाब मांगा है.

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NCLAT ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब
NCLAT ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अनिल अंबानी से  HSBC डेजी के शेयरधारकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर 10 दिन में जवाब मांगा है.

रिलायंस ग्रुप की आर-इन्फ्राटेल द्वारा कथित रूप से 230 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक को लेकर HSBC डेजी ने अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी. इस अपील की सुनवाई एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली बेंच कर रही है.

इस बेंच ने कहा कि हम HSBC डेजी इन्वेस्टमेंट्स (मॉरीशस) और कंपनी के कुछ अन्य अल्पांश शेयरधारकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अंबानी का जवाब सुनना चाहते हैं. सुनवाई के दौरान HSBC की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि एनसीएलएटी ने 29 जून, 2018 को जो आदेश पारित किया था उसके तहत रिलायंस ग्रुप की कंपनी को 230 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. इसे पूरा नहीं करना अदालत की अवमानना का मामला है. इस मामले में अनिल अंबानी के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को जवाब देना होगा. याचिकाकर्ताओं को इसके लिए अतिरिक्‍त एक सप्ताह का समय दिया गया है.

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पहले भी हो चुका है अवमानना का केस

इससे पहले फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन इंडिया की याचिका पर अनिल अंबानी को अवमानना का दोषी करार दिया था. कोर्ट  में एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान डील में निवेश के लिए रकम है लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ है. एरिक्‍सन इंडिया की इस अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को सख्त लहजे में एरिक्सन इंडिया को 4 सप्ताह के भीतर 453 करोड़ रुपये की बकाया राशि देने को कहा था.

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