भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ के बारे में नई जानकारी सामने आई है. सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यम ने संकेत दिया है कि सरकार इसकी 6 से 7 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 90 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है. इसका मतलब यह है कि सरकार पूरी कंपनी का वैल्यूएशन 13 से 15 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद कर रही है.
CEA ने दी ये जानकारी
सुब्रमण्यम ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में यह संकेत दिया है. यह किसी सरकारी अधिकारी द्वारा एलआईसी के वैल्यूएशन के बारे में दी गई पहली जानकारी है. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए यह ऐलान किया था कि एलआईसी को शेयर बाजार में उतारा जाएगा यानी उसका आईपीओ लाया जाएगा. जब किसी कंपनी को पहली बार शेयर बाजार में उतारते हैं तो उसका इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ जारी करते हैं.
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सुब्रमण्यम ने कहा, 'मुझे लगता है कि 90 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए एलआईसी की 6 से 7 फीसदी हिस्सेदारी बेचना पर्याप्त होगा. मैंने इसके लिए कुछ शुरुआती आकलन किए हैं.'
बजट में हुआ था ये ऐलान
बजट 2020-21 में विनिवेश प्रक्रिया से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के मुताबिक इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उद्यमों के विनिवेश और 90 हजार करोड़ रुपये बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं के विनिवेश से हासिल करने का लक्ष्य है. पहले यह कहा गया था कि 90 हजार करोड़ रुपये LIC और IDBI Bank के विनिवेश से हासिल होंगे, लेकिन अब सुब्रमण्यम ने यह साफ किया है कि यह पूरी राशि अकेले एलआईसी के विनिवेश से हासिल होगी.
फिलहाल एलआईसी का कुल एसेट करीब 34 लाख करोड़ रुपये है. जीवन बीमा कंपनियों का बाजार मूल्य कई चीजों पर निर्भर करता है, जैसे नया बिजनेस प्रीमियम, एम्बेडेड वैल्यू,एंटरप्राइजेज वैल्यू, एसेट अंडर मैनेजमेंट का कुछ हिस्सा आदि.
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सरकार को रहना होगा सचेत
इस बार सरकार को एलआईसी के वैल्यूएशन के मामले में काफी सतर्क रहना होगा, क्योंकि इसके पहले आईआरसीटीसी के वैल्यूएशन में सरकार धोखा खा चुकी है और जानकारों का मानना है कि उसे सही वैल्यूएशन नहीं मिला था. आईआरसीटीसी को 5000 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन मिला था, जबकि लिस्टिंग के 6 महीने के भीतर ही उसका बाजार पूंजीकरण 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.