पिछले कई दशकों से दिल्ली के कनॉट प्लेस में फ्लेवर्ड मिल्क रेस्टोरेंट कैवेंटर्स अपने पेय पदार्थ से शहर के लोगों की प्यास बुझा रहा है. रेस्टोरेंट के बाहर लगी लंबी कतार देख देश के इनकम टैक्स विभाग को सूझी कि इस रेस्टोरेंट के बही-खाते का ब्योरा देख लें. टैक्स नोटिस देकर तमाम कोशिशों के बाद इनकम टैक्स विभाग के हाथ कोई सबूत नहीं लगा कि यह 6X6 फीट क्षेत्र की दुकान किस तरह से टैक्स चोरी को अंजाम दे रही है.
कई दशकों से कनॉट प्लेस की शान है कैवेंटर्स
दरअसल, अपने पांच-छह फ्लेवर्ड मिल्क के प्रोडक्ट लाइन के साथ यह छोटी सी दुकान कनॉट प्लेस एरिया में इतनी लोकप्रिय है कि यहां शॉपिंग करने के लिए आ रहे ज्यादातर लोग बिना इन प्लेवर्ड मिल्क का लुत्फ उठाए मानते नहीं कि वह कनॉट प्लेस घूमकर आ रहे हैं.
क्या है कैवेंटर्स का सेल मॉडल
अपनी पॉप्युलैरिटी के चलते कैवेनटर्स की यह दुकान पिछले कई दशकों से कैश पेमेंट लेकर अपना प्रोडक्ट बेच रही है. दुकान के बाहर ज्यादातर ग्राहक अपने हाथ में 100 और 500 की करेंसी लेकर यहां फ्लेवर्ड मिल्क का ऑर्डर देते हैं. दुकान के काउंटर पर सर्विस दे रहे लोगों की कोशिश रहती है कि वह एक हाथ से पैसे लें और दूसरे हाथ से फ्लेवर्ड मिल्क की बोतल ग्राहक को थमा दें.
इनकम टैक्स विभाग का नायाब तरीका
इनकम टैक्स विभाग को कैवेंटर्स की छोटी से दुकान के बाहर लगी कतार देख आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक था. कई बार कोशिश करने के बाद रेस्टोरेंट की तरफ से दिए गए ब्योरे पर विभाग को यकीन नहीं हो रहा था. लिहाजा, उसने भी ठान लिया कि इस दुकान की आय का सटीक हिसाब लगाकर रहेंगे. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी और फिल्ड इंस्पेक्टर्स की मदद से इस दुकान के ठीक बाहर खुफिया कैमरा लगा दिया गया. और अलगे 48 घंटों तक इस कैमरे में रेस्टोरेंट के दो दिन के ग्राहकों की पूरी और सटीक संख्या कैद हो गई.
इसके बाद विभाग ने इस दुकान पर छापा मारा और कथित कर चोरी के लिए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया. आधिकारिक बयान के अनुसार, कैंवेटर्स को नियमों का उल्लंघन करता पाया गया. वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विभाग ने पहली बार कर चोरी पकड़ने के लिए जासूसी कैमरे व मैजिक आई जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया.