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स्विस बैंक में भारतीयों के धन में 10 फीसदी की गिरावट

भारत और अन्य देशों में कालाधन के खिलाफ चलाई जा रहे मुहिम के चलते स्विट्जरलैंड के बैंकों पर पड़ रहे दबाव के चलते स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि पिछले साल 10 फीसदी घटकर 1.8 अरब स्विस फ्रैंक (12,615 करोड़ रुपये) रह गया.

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File Image: स्विस नैशनल बैंक का लोगो
File Image: स्विस नैशनल बैंक का लोगो

भारत और अन्य देशों में कालाधन के खिलाफ चलाई जा रहे मुहिम के चलते स्विट्जरलैंड के बैंकों पर पड़ रहे दबाव के चलते स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि पिछले साल 10 फीसदी घटकर 1.8 अरब स्विस फ्रैंक (12,615 करोड़ रुपये) रह गया.

203 से घटकर हुआ 181.5 करोड़ स्विस फ्रैंक
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक एसएनबी (स्विस नेशनल बैंक) द्वारा गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा धन 21.5 करोड़ स्विस फ्रैंक घटकर 181.5 करोड़ स्विस फ्रैंक (1.98 अरब डालर) पर आ गया जो इससे पहले 203 करोड़ स्विस फ्रैंक था.

2013 में हुआ था 40 फीसदी इजाफा
गौरतलब है कि भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा राशि दूसरे न्यनूतम स्तर पर है और इससे पहले 2013 में इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी. इसके उलट विश्व के बाकी देशों के विदेशी ग्राहकों द्वारा स्विस बैंकों की जमा राशि 2014 में बढ़कर 1,500 अरब स्विस फ्रैंक (1,600 अरब डालर या 103 लाख करोड़ रुपये) हो गई, जो 2013 के अंत तक करीब 90 लाख करोड़ रुपये थी.

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2014 में खाताधारकों ने सीधे जमा किया 12,350 करोड़ रुपये
ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2014 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा सीधे रखा गया कुल धन 177.6 करोड़ स्विस फ्रांक या 12,350 करोड़ रुपये था. इसी तरह दूसरों या संपत्ति प्रबंधकों के माध्यम से जमा कराया गया धन 3.8 करोड़ स्विस फ्रांक रहा जो 2013 के अंत में 7.73 करोड़ स्विस फ्रांक था. हालांकि, ग्राहकों के बचत और जमा खाते में बकाया राशि केवल 5.2 करोड़ स्विस फ्रांक रही जो एक साल पहले 6.3 करोड़ स्विस फ्रांक थी.

स्विस सांसद कर रहे सूचना साझा करने का विरोध
ज्यूरिख स्थित एसएनबी से यह ताजा आंकड़ा ऐसे समय में आये हैं जबकि स्विट्जरलैंड ने भारत और अन्य देशों को जांच के मामलों में गड़बड़ी के साक्ष्य सौंपने पर उनके नागरिकों के बारे में बैंकिंग सूचनाएं साझा करना शुरू कर दिया है. भारत और अन्य कई देशों से स्विट्जरलैंड पर बैंकिंग सूचनाएं देने का दबाव बढ़ता जा रहा है हालांकि स्विट्जरलैंड के सांसद लंबे समय से ऐसी पहलों का विरोध कर रहे हैं.

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