16 साल के लंबे अंतराल के बाद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) बिल अपने अंजाम की दहलीज पर है. कड़ी मशक्कत के बाद इस बिल पर राज्यसभा में मुहर लग पाई. राज्यसभा में पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की भी मंजूरी मिल गई है. प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
आर्थिक सुधार की दिशा में जीएसटी की अहम भूमिका होने वाली है. सरकार 1 अप्रैल 2017 से इस कानून को लागू करने की दम भर रही है. लेकिन शायद, इसे अमलीजामा पहनाने में कुछ और वक्त लग जाए. सरकार भी दबी जुबान इसे स्वीकार कर रही है.
दरअसल मौजूदा समय में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स किसी उत्पाद की कीमत उत्पादन से लेकर ग्राहकों के हाथ तक पहुंचने में दुगुनी से लेकर तीगुनी तक हो जाती है. जीएसटी लागू होने से अचानक ग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा, क्योंकि 100 रुपये की चीज की खरीदारी पर 10 से 15 रुपये तक अतिरिक्त बचत होगी. जिसका फायदा आम आदमी के साथ-साथ देश की आर्थिक सेहत पर पड़ेगा. लोगों को अचानक महंगाई से राहत मिलेगी और यही सरकार के लिए सबसे बड़ी राहत की बात होगी.
ये 10 बड़े फायदे देश की जनता के लिए:-
1. फिलहाल कंजूमर अलग-अलग चीजों पर 30 से 35 फीसदी तक टैक्स भरते हैं. कुछ चीजों में टैक्स 50 फीसदी तक चुकाने पड़ते हैं. जीएसटी लागू होने के बाद सभी टैक्सेस 17 से 18 फीसदी तक सीमित हो जाएंगे.
2. अभी के दौर में एक ही चीज की कीमत दो राज्यों में अलग-अलग लगती है. क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लेते हैं. लेकिन जीएसटी के बाद दिल्ली हो या मणिपुर किसी भी वस्तु की कीमत एक समान होगी. साथ ही एक टैक्स लगने से आम आदमी की जेब में पैसे बचेंगे.
3. सबसे बड़ा फायदा घर खरीदने पर मिलेगा. जीएसटी कानून बनने से वैट और सर्विस टैक्स लगना खत्म हो जाएगा, और फिर आशियाने की कीमत में गिरावट आ जाएगी.
4. रेस्टोरेंट में खाने के शौकीनों को GST लागू होने से राहत मिलेगी, क्योंकि फिलहाल इसपर राज्य अलग-अलग टैक्स लगाते हैं. अभी 6 फीसदी सर्विस टैक्स के अलावे बिल के 40 फीसदी हिस्से पर 15 फीसदी अलग से टैक्स लगते हैं, लेकिन जीएसटी के बाद ये सारे टैक्स खत्म हो जाएंगे और केवल 17 से 18 फीसदी तक टैक्स लगेंगे.
5. जीएसटी को अमलीजामा पहनाने के बाद टैक्स ढांचा समान होने के साथ-साथ पूरी तरह से पारदर्शी होगा, जिससे टैक्स विवाद लगभग खत्म हो जाएंगे. साथ ही टैक्स चोरी पर लगाम लग सकेगा. ढेरों टैक्स कानून और टैक्स नियामकों (रेगुलेटरों) का झंझट नहीं रहेगा. जिससे आम आदमी की आर्थिक सेहत सुधरेगी.
6. एक टैक्स स्लैब होने से कारोबारियों को राहत मिलेगी. तमाम छोटी-बड़ी कंपनियां इसका फायदा उठाएगी. टैक्स को लेकर जो परेशानी है उससे मुक्ति मिल जाएगी. माल ढुलाई को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स बंद हा जाएगा. जिससे कंपनियों को बचत होगी और कारोबार बढ़ेगा.
7. नए कारोबार लगाने वालों के लिए नए रास्ते खुलेंगे. साथ ही देश के किसी कोने में वो अपना कारोबार करने के लिए स्वतंत्र होगा. क्योंकि पूरे देश में टैक्स संरचना एक जैसी होगी, वो भी मौजूदा दौर के टैक्स अनुपात से बेहद कम होगा.
8. देश की तमाम छोटी-बड़ी कंपनियों अपने कारोबार का विस्तार एक राज्य से दूसरे राज्य तक करेगी. क्योंकि अभी जो तमाम तरह के सीमा शुल्क लग रहे हैं वो बंद हो जाएंगे. कंपनियों के कम खर्च होने से वो प्रोडक्ट्स की कीमत में कटौती करेगी, जिसके सीधा फायदा आम आदमी को होगा.
9. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट की मानें तो जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी में एक से पौने दो फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
10. जीएसटी लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइड ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे. जबकि राज्य सरकार की ओर से लिए जाने वाला वैट, एंटरटेनमेंट टैक्स, लग्जरी टैक्स वगैरह भी खत्म हो जाएंगे.
गौरतलब है कि भारत में सबसे पहले साल 2006-07 के आम बजट में जीएसटी की चर्चा हुई थी. तब से कई मौकों पर इस कानूनी रूप देने की कोशिशें हुईं, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका.