महंगाई की मार से त्रस्त जनता के लिए एक अच्छी खबर है. सरकार ने खुदरा बाजार में दालों की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये दालों के 1.3 लाख टन जब्त स्टॉक में से अब तक 51,000 टन स्टॉक खुदरा बाजार के लिए जारी कर दिया है.
खुदरा बाजार में दालों के दाम हाल ही में 200 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गये थे. फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) के दौरान दालों का उत्पादन 20 लाख टन कम रह जाने की वजह से दाल के दाम चढ़े हैं.
हालांकि, सरकार द्वारा किये गये कई उपायों के बाद दाल के दाम नीचे भी आये हैं. सरकार ने आयातित दाल की सस्ती दर पर बिक्री, व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लगाने, जमाखोरों के खिलाफ छापे और दालों का बफर स्टॉक बनाने जैसे अनेक कदम उठाये हैं.
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘राज्य सरकारों से कल तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जमाखोरी के खिलाफ चलाये गये अभियान में जब्त की गई दालों में से 51,732.77 टन दाल नीलामी या दूसरे उपायों के जरिये बाजार में जारी की गई है. इससे दाल के दाम और नीचे लाने में मदद मिलेगी.’
महाराष्ट्र ने 43,778.88 टन दाल बाजार में उतारी है जबकि राज्य सरकार ने छापों के दौरान 86,709.39 टन दालें जब्त की थी. कर्नाटक सरकार ने 25,545.82 टन जब्त की गई दाल में से अब तक 1,483 टन ही जारी की है.
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा व्यापारियों के पास रखी गई दालों को जब्त किये जाने के कदम को अवैध करार दिया है और विभाग को जब्त की गई दलहन, खाद्य तेल और तिलहन जारी करने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय ने यह आदेश 23 नवंबर को दिया.’ राज्यों में दलहन की स्टॉक सीमा तय किये जाने के बाद से दो दिसंबर तक कुल 1,30,439.42 टन दालें जब्त की गई.
इनपुट: भाषा