नौकरी से रिटायर होने से पहले 'आपका अपना घर' होने का सपना पूरा करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधी संस्था (ईपीएफओ) हाउसिंग स्कीम लाने की तैयारी में है. केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को बताया कि ईपीएफओ इस दिशा में तैयारी कर रही है.
बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम मंत्रालय इसके लिए 6 करोड़ सदस्यों वाली भविष्य निधी संस्था के साथ-साथ पब्लिक सेक्टर बैंक(पीएसयू) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा इसे फाइनेंस कराने के विकल्प पर आगे बढ़ने की तैयारी में है.
सूत्रों के मुताबिक श्रम मंत्रालय केन्द्र और राज्य सरकारों की कंस्ट्रक्शन कंपनियों से सरकार द्वारा निर्धारित दाम और मानकों पर घर बनवाने का विकल्प भी देख रही है. इनमें एनबीसीसी, डीडीए, पूडा, हूडा जैसी संस्थाएं अहम हैं.
केन्द्रीय प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर केके जालन ने बताया कि ईपीएफओ के ट्रस्टी और श्रम मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों का एक पैनल इस प्रस्ताव पर काम कर रही है और बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंप देगी.
गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ की तरफ से यह कदम केन्द्र सरकार की 2022 तक सभी के लिए घर की योजना के तहत उठाया गया है. मौजूदा समय में ईपीएफओ के 70 फीसदी से ज्यादा सदस्यों का मासिक वेतन 15 हजार रुपये से कम है और उन्हें इस स्कीम से सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा.