आर्थिक आजादी, राजकाज तथा समावेशी वृद्धि के लिहाज से देश के 20 बड़े राज्यों की सूची में गुजरात को पहले नंबर पर रखा गया है.
रिपोर्ट भारतीय राज्यों में आर्थिक स्वतंत्रता-2012 में यह निष्कर्ष निकाला गया है जिसे आज भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर तथा राज्यसभा सदस्य बिमल जालान ने जारी किया.
रिपोर्ट को प्रमुख अर्थशास्त्री बिवेक देबराय, लवीश भंडारी, अशोक गुलाटी तथा स्वामीनाथन अय्यर ने लिखा है. इसमें गुजरात के बाद तमिलनाडु तथा मध्यप्रदेश को रखा गया है.
इकनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स को कनाडा के फरासेर इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित प्रणाली के आधार पर तैयार किया गया है. यह आर्थिक परिचालन, राज्य स्तरीय सुधार तथा समावेषी आर्थिक वृद्धि का संकेतक है.
रिपोर्ट के अनुसार गुजरात फ्रीडम इंडेक्स तेजी से बढ़ रहा है और अनुमानित 0.64 प्रतिशत है. यह तमिलनाडु तथा मध्यप्रदेश (0.56 प्रतिशत) की तुलना में बहुत आगे है.
इस लिहाज से हरियाणा व हिमाचलप्रदेश को क्रमश: चौथे व पांचवें स्थान पर रखा गया है. गुजरात में भाजपा हाल ही में एक बार फिर सत्ता में आई है.
रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक आजादी सूचकांक (2011) के लिहाज से पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा बिहार सबसे निचले पायदान पर है.