scorecardresearch
 

आपकी गाढ़ी कमाई पर हैकरों की नजर, बैंक फ्रॉड से बचने के लिए ये जरूर करें

आजकल काफी लोग कैशलेस ट्रांजैक्शन कर रहे हैं. ऐसे में प्लास्टिक कार्ड के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग भी तेजी से बढ़ा है. इसी बीच साइबर क्राइम का भी खतरा बढ़ा हुआ है.

Advertisement
X
ऑनलाइन ठगी की बढ़ रही घटनाएं
ऑनलाइन ठगी की बढ़ रही घटनाएं

  • एटीएम या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में ठगी का सिलसिला बढ़ा
  • सबसे ज्यादा एटीएम फ्रॉड, कार्ड क्लोनिंग के जरिए हो रही है
  • कुछ एहतियात बरतकर इस फ्रॉड से जरिए बचा जा सकता है
  • डिजिटल वॉलेट के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत

एटीएम या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में ठगी का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. नोएडा में रहने वाले अभिरंजन कुमार रविवार को अपने घर पर आराम कर रहे थे, अचानक उनके खाते से 25 हजार रुपये कट जाने का मोबाइल पर मैसेज आया. वे हैरान रह गए. उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है. उन्होंने अपना खाता तो ब्लॉक कराया ही, साथ में साइबर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पैसा तो खाते से जा चुका है जिसके लिए अब उन्हें बैंक से जूझना होगा.

आजकल काफी लोग कैशलेस ट्रांजैक्शन कर रहे हैं. ऐसे में प्लास्टिक कार्ड के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग भी तेजी से बढ़ा है. इसी बीच साइबर क्राइम का भी खतरा बढ़ा हुआ है. किसी की भी गाढ़ी कमाई इस तरह से उड़ जाए तो उस पर क्या बीतती होगी, यह समझा जा सकता है. इससे बचने का क्या है तरीका और अगर ऐसी ठगी हो जाए तो क्या करना चाहिए, इसके बारे में आइए जानते हैं.

Advertisement

कैसे होता है एटीएम से फ्रॉड

तकनीक के इस दौर में फ्रॉड भी कई तरह से हो रहे हैं. इसमें प्रमुख है एटीएम से होने वाला फ्रॉड. एटीएम के जालसाज इतने शातिर होते हैं कि दूर बैठकर ही लोगों के एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं. पीड़ित को तब पता चलता है, जब उसके मोबाइल पर बैंक की तरफ से पैसे निकाले जाने का मैसेज आता है. जब तक पीड़ित कुछ सोचे, तब तक उनका बैंक अकाउंट खाली ही चुका होता है.

आजकल सबसे ज्यादा एटीएम फ्रॉड, कार्ड क्लोनिंग के जरिए की जा रही है. एटीएम कार्ड क्लोन करने के लिए लोग एटीएम मशीन में जाकर स्किमर डिवाइस लगा देते हैं. ये स्किमर कार्ड स्वैप करने वाली जगह के ऊपर लगता है. ऐसे लगता है जैसे कि यह एटीएम मशीन का ही पार्ट है. साथ ही की बोर्ड के ऊपर एक बहुत छोटा कैमरा लगा देते हैं. जब एटीएम कार्ड मशीन में लगाया जाता है तो ये उसे क्लोन कर लेता है.

जब ग्राहक अपना कोड डाल रहा होता है तो एटीएम का पासवर्ड कैमरे में दर्ज हो जाता है. इस दौरान वहां एटीएम कार्ड होल्डर के अलावा कोई नहीं होता, लेकिन बाद में जालसाज इसी के जरिए कार्ड क्लोन कर दूर जाकर कहीं से भी एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं. इसकी सूचना असली एटीएम कार्ड मालिक को तब पता चलती है, जब उसके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन मैसेज आता है.

Advertisement

क्या होनी चाहिए सावधानी

इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आपको कुछ एहतियात बरतनी होती है. जब भी एटीएम में जाएं, कार्ड स्वैप करने वाली मशीन को हिलाकर देख ले, अगर वो हिल रही है तो इसका मतलब कुछ गड़बड़ है. साथ ही की बोर्ड के ऊपर की तरफ ठीक से चेक करे कि कहीं कोई कैमेरा तो नहीं लगा. अगर कुछ गड़बड़ नजर आये तो फौरन बैंक स्टाफ को खबर करें.

एटीएम से गलत तरीके से आपका पैसा निकल गया तो क्या करना होगा

आरबीआई के नए नियमों के बाद, अनाधिकृत लेनदेन में बैकों और ग्राहकों की जिम्मेदारी निर्धारित हो गई है. इसमें डिजिटल माध्यम से बैक खातों की सभी लेनदेन शामिल हैं. नए नियम के मुताबिक एक ग्राहक की जिम्मेदारी शून्य हो जाती है, यदि अनाधिकृत लेन-देन बैंक की गलती से हुआ हो. इसमें सम्मिलित फ्रॉड, लापरवाही, अस्वीकृति जैसी तमाम चीजें शामिल हैं. इसके लिए बैंक को रिपोर्ट करना भी जरूरी नहीं हैं.

यदि थर्ड पार्टी लेनदेन के दौरान बैंक या ग्राहक दोनों की ही गलती न होकर, सिस्टम में कोई दोष हो और ग्राहक इस अनाधिकृत लेनदेन की जानकारी बैंक को तीन कामकाजी दिनों के भीतर दे देता है, तो भी उसकी देयता शून्य मानी जाती है यानी बैंक को पूरा पैसा वापस करना होगा.

Advertisement

अनाधिकृत लेनदेन में एक ग्राहक की देयता दो तरह के मामलों में अलग-अलग होती है. यदि ग्राहक द्वारा लापरवाही बरती गई हो, मसलन उसने अपने पेमेंट की जानकारी किसी के साथ साझा की हो और इसकी जानकारी बैंक को न दी हो, तो इस स्थिति में ग्राहक को ही पूरे नुकसान का सहना होगा. किसी अनाधिकृत लेनदेन में बैंक या ग्राहक दोनों ही गलती न हो, मगर ग्राहक के रिपोर्ट कर देने बाद भी सिस्टम में देरी हो (चार से सात कारोबारी दिनों की), तो ऐसी स्थिति में भी ग्राहक की देयता सीमित मानी जाती है.

यदि रिपोर्ट की जानदारी देने में सात कामकाजी दिनों से अधिक की देरी हो, तो ग्राहक की देयता बैंक के बोर्ड द्वारा स्वीकृत पॉलिसी के आधार पर होगी. बैंकों द्वारा इस पॉलिसी की जानकारी ग्राहकों को खाता खुलवाने के समय दी जानी अनिवार्य है. आरबीआई के अनुसार, बैंकों को इस जानकारी को सार्वजनिक करना भी अनिवार्य है. मौजूद ग्राहकों को भी इस जानकारी या इसमें संशोधन के बारे में अलग से बताना जरूरी है. इस बार में अधिक जानकारी के लिए आप आरबीआई की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं.

मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल में रहें सावधान

अगर आप डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें आपको खास सावधानी बरतनी होगी. पेटीएम वॉलेट का दावा है कि उसके सभी यूजर्स के वॉलेट का इंश्योरेंस किया जाता है. इससे ऐप में पैसा सिक्योर रहेगा और नुकसान होने पर उसकी भरपाई कंपनी करेगी. कंपनी ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि अगर पेटीएम हैक हो गया, फोन चोरी हो गया या दूसरे फ्रॉड से पेटीएम से पैसा चुराया गया तो वैसी स्थिति में कंपनी यूजर्स पैसे वापस करेगी.

Advertisement

सबसे पहले पैसे चोरी की जानकारी आपको पेटीएम को देनी होगी इसके बाद कंपनी इसे अपने तरीके से जांच करेगी और दावा सच होने पर वो यूजर्स को पैसे वापस कर देगी. हालांकि इसके टाइम लिमिट है यानी पैसे उड़ाए जाने के 12 घंटे की भीतर पेटीएम को इसकी जानकारी देनी होगी. पैसे चोरी होने की जानकारी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके दी जा सकती है.

इन सब के अलावा अगर आपका फोन या टैबलेट चोरी हुआ है जिसमें पेटीएम अकाउंट है तो ऐसी स्थिति में आपको थाने में FIR करानी होगी. इसके बाद FIR की कॉपी को पेटीएम को प्रूफ के तौर पर दिखाना होगा. कंपलेंट मिलने के 24 घंटे के भीतर यूजर वॉलेट को ब्लॉक कर दिया जाएगा और दावा सही होने पर 5 दिनों के भीतर इंश्योरेंस सेटलमेंट होगा. हालांकि अगर किसी तरह के हैक या फ्रॉड से अगर पेटीएम से पैसे उड़ा लिए गए तो ऐसी स्थिति में बिना FIR के शिकायत दर्ज की जा सकती है.

फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी टिप्स

1. डेबिट/क्रेडिट/एटीएम कार्ड के लिए टिप्स

-अपना कार्ड किसी से शेयर नहीं करें और किसी को दें नहीं

-खरीदारी के वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप करें

-पिन खुद ही डालें

Advertisement

-लिमिट्स को कम रखें

-एसएमएस अलर्ट को चालू रखें

-ट्रांजैक्शन गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें

-स्टेटमेंट को हर तीन दिन में चेक करें

-नेट पर कार्ड के जरिए पेमेंट केवल https वेबसाइट पर करें

-साइबर कैफे में कार्ड का इस्तेमाल ना करें

-साइबर सिक्योरिटी को अपनाएं

2. मोबाइल वॉलेट टिप्स

-अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें

-नियम और शर्तें जरूर पढ़ें

-इंटरनेट पर वॉलेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें

-मोबाइल ऐप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर

-अपनी जानकारी शेयर ना करें

-हर तीन दिन में ट्रांजेक्शन चेक करें

-मोबाइल वॉलेट कंपनी को लिखित में शिकायत दें

3. नेट बैंकिंग के लिए टिप्स

-यूजरनेम पासवर्ड को याद कर लें

-https वेबसाइट का ही प्रयोग करें

-साइबर कैफे में नेट बैंकिंग से बचें

-ट्रांजैक्शन लिमिट कम रखें

-एसएमएस अलर्ट ऑन रखें

-गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें

-नजदीकी थाने या फिर स्टेट पुलिस की वेबसाइट पर भी कंप्लेन दें

Advertisement
Advertisement