पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि पेट्रोल पंपों पर कार्ड के जरिए पेट्रोल डीजल भरवाने पर सौदा शुल्क बैंक और तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) वहन करेंगी.
उन्होंने कहा, 'फैसला पूरी तरह स्पष्ट है. मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा. ईंधन खुदरा बिक्री केंद्र (पेट्रोल पंप) इसके दायरे में नहीं आएंगे. अब यह बैंकों व ओएमसी पर है कि वे इसे किस तरह वहन करते हैं'.
दरअसल इस मुद्दे पर वित्तीय सेवा विभाग ने यहां बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद प्रधान ने कहा, 'यह एक वाणिज्यिक फैसला है और उन्हें (बैंकों व ओएमसी) को बैठक ही इसे निपटाना होगा.' एमडीआर एक शुल्क है जो कि बैंक क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान पर मर्चेंट पर लगाते हैं. यह शुल्क ग्राहक से वसूला जाता है कि लेकिन नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए इसे 30 दिसंबर 2016 तक माफ कर दिया.
इसके बाद बैंकों ने एमडीआर का बोझ पेट्रोल पंप संचालकों पर डालने का फैसला किया क्योंकि सरकार के निर्देशों के चलते वे कार्ड के जरिए भुगतान करने वाले ग्राहकों पर कोई और बोझ नहीं डाल सकते. पेट्रोल पंप मालिकों ने धमकी दी थी कि वे कार्ड से भुगतान लेना बंद करेंगे जिसके बाद सरकार ने समझौते की राह निकाली.
प्रधान ने कहा कि बैंक और तेल कंपनियां विचार विमर्श करती रहेंगी कि इस शुल्क को कौन व किस हिस्से में वहन करेगा. मंत्री ने कहा, 'एमडीआर शुल्क आरबीआई के 16 दिसंबर के दिशा निर्देशों के हिसाब से ही लगाए जाएंगे'.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेंमेट स्वीकार नहीं करने को लेकर खबरों के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने भरोसा दिया था कि 13 जनवरी के बाद भी लोग आसानी से पेट्रोल पंपों पर अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन और बैंकों के बीच मतभेद हैं उसे जल्द सुलझा लिया जाएगा. प्रधान ने कहा था कि एमडीआर विवाद का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा और उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा.
वहीं ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 14 जनवरी से कार्ड पेमेंट को स्वीकार नहीं करने का ऐलान किया था. एसोसिएशन ने रविवार को कहा था कि बैंकों द्वारा कार्ड लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त चार्ज लगाए जाने के खिलाफ यह फैसला लिया गया है.