वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को निवेशकों के लिये और आकषर्क बनाने के वास्ते आने वाले बजट में इसमें सुधार किया जायेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इसमें दिये जाने वाले कर प्रोत्साहन उपायों की फिर से समीक्षा करेगा और निवेशकों की चिंताओं का निराकरण करने का प्रयास करेगा. राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना की शुरुआत करते हुये उन्होंने कहा, ‘नियामक को मैंने आश्वस्त किया है अगले बजट और अगले वित्त विधेयक में हम अवसर का लाभ उठाते हुये इस योजना में जरूरी बदलाव करेंगे. योजना को तैयार करते समय जो अनुभव हमें मिला है उसके अनुसार हम इसमें जरूरी बदलाव करेंगे और इसे खुदरा निवेशकों के लिये आकषर्क बनायेंगे.’
चिदंबरम ने माना कि योजना के बारे में कुछ चिंतायें उठाई गई हैं. आम निवेशक के लिहाज से योजना जटिल है और उसे समझने में कठिनाई हो रही है. अब इसे सरल बनाया जायेगा और निवेशकों को इसमें भाग लेने में कठिनाई नहीं होगी. योजना की घोषणा 2012-13 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने की थी. नये निवेशकों को पूंजी बाजार में निवेश के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजना लाई गई थी.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘कुछ लोगों कहना है कि योजना में जिस तरह के प्रोत्साहन की बात की गई है उसे समझना आम निवेशकों की समझ से बाहर की बात है. कुछ का कहना है कि 50,000 रुपये तक के निवेश पर 50 प्रतिशत कटौती का लाभ देना उपयुक्त प्रोत्साहन नहीं है.’ चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना में म्युचुवल फंड को भी शामिल होने की अनुमति दे दी है. इसे शुरू में केवल नये निवेशकों के लिये ही रखा गया था.
चिदंबरम ने ‘अपने ग्राहक को जानिये- केवाईसी’ नियमों के मामले में भी एकीकरण पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘एक ही नियामक के तहत काम करने वाले कारोबार भागीदारों, मध्यस्थों के लिये अलग अलग केवाईसी नियम नहीं हो सकते हैं. इससे भी खराब स्थिति तब होगी जब विभिन्न नियामकों के लिये हमें केवाईसी के अलग-अलग सेट बनाने होंगे. इससे निवेशक परेशान होकर दूर होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘यदि निवेशक ही बाजार और निवेश कारोबार से दूर हो गये तो फिर इतने सारे नियामक और इतने मध्यस्त एवं भागीदारों की क्या आवश्यकता है. हमारा उद्देश्य आखिर में निवेशकों को आकषिर्त करना होना चाहिये. यदि आप निवेशकों से कई सवाल करेंगे तो कौन सा निवेशक खाता खोलेगा और कौन इसमें भागीदारी करेगा, ऐसे में तो वह दूर होगा.’
चिदंबरम ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि यदि किसी के पास बैंक खाता है तो वह सीधे डिपॉजिटरी खाता क्यों नहीं खोल सकता है. ‘आप यदि खाता खोलने से पहले कई तरह की जांच पड़ताल में लगे रहेंगे तो मुझे इसमें कोई शंका नहीं कि दस में से पांच संभावित निवेशक दूर हो जायेंगे. वह कहेंगे कि अपना समय क्यों बर्बाद किया जाये.’ उन्होंने कहा कि इन कार्यों को सरल बनाने की आवश्यकता है. ‘हमें निवेशकों को आश्वस्त करना होगा कि वित्तीय उत्पादों में निवेश और पूंजी बाजार में निवेश करना पूरी अर्थव्यवस्था और देश के लिये बेहतर है और निवेशक के लिये यह दीर्घकालिक लाभ देने वाला है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि छोटे निवेशक आगे आयें और पूंजी बाजार में निवेश करें. ‘हम इसके लिये शेयर बाजार को समर्थन देना चाहते हैं जिससे कि छोटे निवेशकों को बाजार में निवेश के लिये प्रोत्साहित किया जा सके.’ राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना के तहत शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले छोटे निवेशक को 50,000 रुपये तक के निवेश पर 50 प्रतिशत आयकर में कटौती का लाभ मिलेगा. यह सुविधा सालाना 10 लाख रुपये से कम कमाई करने वालों के लिये है.