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बजट सत्र में राजनीतिक गतिविधियों का होगा बाजार पर असर, विदेशी संकेतों पर भी रखें नजर

17 जून यानी आज से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है. इस सत्र में क्या राजनीतिक गतिविधियां होती हैं, सरकार क्या महत्वपूर्ण कदम उठाती है, इनका शेयर बाजारों पर असर होगा. इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर देखने को मिलेगा.

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घरेलू संकेतों से प्रभावित होगा बाजार
घरेलू संकेतों से प्रभावित होगा बाजार

भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह विदेशी संकेतों और प्रमुख घरेलू कारकों से तय होगी. देश में सोमवार यानी 17 जून से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है. इस सत्र में क्या राजनीतिक गतिविधियां होती हैं, सरकार क्या महत्वपूर्ण कदम उठाती है, इनका शेयर बाजारों पर असर होगा. इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर देखने को मिलेगा.

खासतौर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से शेयर बाजार को दिशा मिलेगी. देश में नई सरकार के गठन के बाद संसद के सत्र के आरंभ होने पर राजनीतिक गतिविधियों का घरेलू शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा. फिलहाल माॅनसून की प्रगति पर निवेशकों की नजर टिकी हुई है. गौरतलब है कि इस साल माॅनसून एक सप्ताह देरी से आया है.

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वैश्विक बाजारों में गिरावट का दौर

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, बाजार की नजर विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझान पर भी बाजार की नजर होगी. पिछले सप्ताह खाड़ी क्षेत्र में तेल वाहक दो जहाजों पर हमले के बाद भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया है. वहीं, अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव से दुनियाभर के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह मंदी का माहौल रहा जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा.

उधर, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है और बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार को हो सकती है. फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे से बाजार को दिशा मिल सकती है.

इसके अलावा, अमेरिका में आईएचएस फ्लैश मार्किट यूएस कंपोजिट पीएमआई और आईएचएस फ्लैश मार्किट यूएस सर्विसेज पीएमआई के जून महीने के आंकड़े शुक्रवार को जारी हो सकते हैं. वहीं, बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड गुरुवार को अपने नीतिगत फैसलों की घोषणा करने वाले हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछले दिनों हुई बैठक के ब्योरे (मिनट्स) भी गुरुवार को जारी हो सकते हैं. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे छह फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया था.

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पिछले हफ्ते भारतीय बाजारों में रहा उतार-चढ़ाव

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते शुरुआती दिनों में बढ़त के बाद आखि‍री सत्रों में बाजारों में गिरावट देखी गई. सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. शुक्रवार को सेंसेक्‍स 289 अंक या 0.73 फीसदी टूट कर 39 हजार 452 के स्‍तर पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी की क्लोजिंग 90.75 प्वाइंट नीचे 11,823 पर हुई.

कारोबार के दौरान बैंकिंग सेक्‍टर के शेयर में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली. बता दें कि गुरुवार को सेंसेक्स 15.45 अंकों की गिरावट के साथ 39 हजार 741 पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 11 हजार 914 के स्‍तर पर रहा.

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