हर कोई खुश रहना चहता है और हर कोई चाहता है कि वो ज्यादा ऊर्जावान, उत्साही बना रहा साथ ही अमीर हो जाए. ज्यादातर लोग यह भी जानते हैं कि यह कैसे किया जा सकता है, लेकिन उनमें से अधिकतर ऐसा कर नहीं पाते. उसके पीछे की वजह है कंफर्ट जोन. इंटरनेशनल कोच और ट्रेनर डेविड वुड इंसान की उत्पादकता और लेकर अलग तरह की सोच रखते हैं. उनका मानना है कि हमारा दिमाग हमें अमीर या खुश बनाने के लिए नहीं बना है. बल्कि इसका काम है हमें समेटकर रखना ताकि हम अपने कंफर्ट जोन में बने रहें. अगर कोई हमें चुनौती न दे तो हम खुद को बदलें ही नहीं.
इंडिया टुडे ग्रुप के बिजनेस टुडे माइंडरश कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान डेविड वुड ने उत्पादकता को लेकर बातचीत की. इस चर्चा में उन्होंने बताया कि जब भी हम अपने कंफर्ट जोन जो बाहर आना चाहेंगे तो हमारा दिमाग उसे चुनौती देगा. हम अपनी जीवन को बदल सकते हैं. वुड ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा धन सिर्फ उस सीमा तक ही बढ़ना चाहिए जहां तक मैं खुद को बढ़ा सकता हूं.
इंटरनेशनल ट्रेनर वुड अपने अनुभवों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने एक किस्से को याद करते हुए कहा, 'एक दिन मेरी हिस्ट्री टीचर ने बताया जितने भी छात्रों को मैंने अब तक पढ़ाया तुम उनमें सबसे खराब थे. जब मैंने महसूस किया कि ऐसे खराब माहौल के अंतर मेरा विकास नहीं हो सकता. यही वजह रही है कि मैंने खुद का कारोबार शुरू करने से पहले काफी नौकरियों को छोड़ा था.'
वुड बताते हैं कि किसी भी विचार को पूरा करने से पहले हमें उसे पूरा करने के लिए तैयार होना पड़ता है. उन्होंने दर्शकों में कहा कि आप किसी ऐसे शख्स से मिलें जिससे पहले कभी न मिले हों और उससे पूछें कि आप जीवन में क्या करना चाहते हैं, अगले 10 साल में खुद को कहां देखना चाहते हैं. दर्शकों ने भी वुड की सलाह पर जोरदार प्रतिक्रिया दी, जिससे साबित हो गया कि उनकी चर्चा को काफी सराहना मिली है.
इंडिया टुडे ग्रुप का बिजनेस पर आधारित सलाना आयोजन माइंडरश समिट इंटरनेशनल लेवल के लीडर्स और भारतीय उद्योग जगत के दिग्ग्जों के पुल का काम करता है ताकि आयोजन के जरिए वह रणनीति को तैयार कर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें. इस कार्यक्रम का आयोजन 14 फरवरी को किया जा रहा है.