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दूसरे राज्यों में भी अपना पैर पसारे अमूलः शरद पवार

कृषि मंत्री शरद पवार ने गुजरात सहकारिता दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) से अपने अमूल ब्रांड के डेयरी उद्योग माडल का दूसरे राज्यों में विस्तार करने का आह्वान किया है ताकि श्वेत क्रांति लायी जा सके.

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शरद पवार
शरद पवार

कृषि मंत्री शरद पवार ने गुजरात सहकारिता दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) से अपने अमूल ब्रांड के डेयरी उद्योग माडल का दूसरे राज्यों में विस्तार करने का आह्वान किया है ताकि श्वेत क्रांति लायी जा सके.

देश में विशालतम दुग्ध सहकारिता कंपनी जीसीएमएमएफ ‘अमूल’ ब्रांड नाम से डेयरी उत्पादों का विपणन करता है.

पवार ने अमूल के एक नये प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘हमें यह देखने की जरुरत है कि कैसे आगे आप सहकारिता माडल को सुदृढ़ बनाते हैं. मैं सोचता हूं जीसीएमएमएफ को मल्टी स्टेट सहकारिता मॉडल के तहत देश के अन्य भागों में अपने परिचालन का विस्तार करने के बारे में ध्यान देना चाहिये.’

उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल के कारण देश में दूध उत्पादन मौजूदा 12.2 करोड़ टन के स्तर से और बढ़ेगा और इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.

जीसीएमएमएफ की स्थापना साल 1973 में हुई थी जो देश की सबेस बड़ी सहकारी दुग्ध कंपनी है. यह साल 2003 तक गुजरात में सिमटा रहा. इस सहकारिता डेयरी कंपनी का हरियाणा में प्रसंस्करण इकाई है और यह स्थानीय किसानों से दूध की खरीद करती है.

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पवार ने कहा कि धारुहेड़ा में 30 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाली नई प्रसंस्करण इकाई दिल्ली एनसीआर बाजार की मांग को पूरा करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, ‘अमूल को हरियाणा के किसानों से प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध खरीदना चाहिये.’ मंत्री ने मवेशियों की नस्ल को सुधारने की आवश्यकता और चारे की उपलब्धता पर भी जोर दिया.

हरियाणा के मुख्यमंत्री भुपिन्दर सिंह हुडा ने प्रदेश में अमूल के सफलता की कहानी का अनुकरण करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, ‘हमारा राज्य देश में दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है. जिस तरह से गुजरात के किसान डेयरी सहकारिता माडल से लाभान्वित हुए हैं, वैसा ही प्रयास हम अपने प्रदेश में भी कर रहे हैं. हम पशुपालन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहे हैं.’

हरियाणा में यह नया डेयरी संयंत्र 450 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्थापित किया गया है. इससे हरियाणा में अमूल की स्थापित प्रसंस्करण क्षमता 40 लाख लीटर प्रतिदिन और उसकी अखिल भारतीय दूध प्रसंस्करण क्षमता बढ़कर 170 लाख लीटर प्रतिदिन हो जायेगी. जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष विपुल चौधरी ने कहा कि इस नये केन्द्र से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के तेजी से बढ़ते पैक दूध बाजार में उनकी हिस्सेदारी और बढ़ेगी.

एनसीआर के पैक दूध बाजार में अमूल की बिक्री 24 लाख लीटर प्रतिदिन की होती है. एनसीआर में पैक दूध का कुल बाजार करीब 50 लाख लीटर प्रतिदिन का है. इस बाजार में मदर डेयरी (19 लाख लीटर प्रतिदिन) और दिल्ली मिल्क स्कीम (तीन लाख लीटर प्रतिदिन) बड़ी खिलाड़ी है. इसके अलावा वीटा तथा पराग एवं कुछ अन्य ब्रांड भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उपस्थित हैं.

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जीसीएमएमएफ की 17 जिला स्तरीय सहकारी यूनियन हैं जिनमें 31.8 लाख सदस्य हैं. इसके साथ 16,200 ग्रामीण डेयरी सहकारी सोसायटियां संबद्ध हैं. जीसीएमएमएफ ने 2011-12 में 11,668 करोड़ रुपये का कारोबार किया.

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