नए वित्त वर्ष में ईपीएफओ से जुड़े पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, 1 अप्रैल यानी आज से पेंशनभोगियों को ज्यादा पेंशन मिलेगी. बीते साल सरकार ने इस संबंध में फैसला लिया था.
सरकार का ये फैसला उन्हीं लोगों पर लागू होगा जो रिटायरमेंट के वक्त पेंशन कम्युटेशन का विकल्प चुनते हैं. यहां बता दें कि पेंशन कम्युटेशन के तहत ईपीएफओ, रिटायरर्ड कर्मचारियों की 15 साल की पेंशन का एक तिहाई हिस्सा काटकर उसे एकमुश्त दे देता है.
पेंशनधारक 15 साल बाद दोबारा अपनी मासिक पूरी रकम पाने का हकदार हो जाता है. आसान भाषा में समझें तो अब जो कर्मचारी 1 अप्रैल, 2005 को रिटायर हुआ है, वह 15 साल बाद यानी 1 अप्रैल, 2020 से अधिक पेंशन पाने का हकदार है.
ऐसा नहीं है कि पहली बार यह व्यवस्था लागू हो रही है. साल 2009 से पहले रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि प्राप्त करने की सुविधा थी.
हालांकि इसके बाद ईपीएफओ ने 2009 में इस प्रावधान को वापस ले लिया था. वहीं अगस्त 2019 को ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने एक बार फिर पेंशन कम्युटेशन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
बहरहाल, सरकार के इस फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलने वाला है. नए वित्त वर्ष में सरकार, EPFO द्वारा
प्रबंधित कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत आने वाले
कर्मचारियों की मांग पर भी विचार कर सकती है.
कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95 ) के तहत आने वाले पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने की मांग कर रहे हैं. पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं और ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग हो रही है.