कोरोना के कहर से गुरुवार को दलाल स्ट्रीट पर फिर कोहराम मच गया. विदेशी बाजारों से मिले निराशाजनक संकेतों से बढ़े बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स 3,000 अंक से ज्यादा लुढ़ककर 32,619.06 पर आ गया. वहीं, निफ्टी 933 अंक से ज्यादा टूटकर 9,525.35 पर आ गया.
दरअसल, कोरोना के कहर और कच्चे तेल में गिरावट के कारण बने निराशाजनक माहौल में शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव बना हुआ था. शेयर बाजार में आई गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हुआ.
बाजार के जानकारों ने बताया कि कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है. कोरोना का कहर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है, जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है.
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार पिछले सत्र से 61 पैसे फिसलकर 74.25 रुपये प्रति डॉलर पर खुला. रुपया बीते सत्र में मजबूती के साथ 73.64 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. हालांकि बाद में देसी करेंसी में पिछले सत्र के मुकाबले 74.12 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार चल रहा था.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया है, उसके बाद से ही बाजार में गिरावट की तेज आंधी चल रही है. निफ्टी 9500 के करीब पहुंच गया है.
इस गिरावट से ऑटो इंडेक्स करीब 6 साल के निचले स्तर पर दिख रहा है. PSU बैंक इंडेक्स अब तक के निचले स्तर पर है. सभी सेक्टर इंडेक्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर दिख रहे हैं. BSE के 750 से ज्यादा स्टॉक्स 52 हफ्ते के नीचे दिख रहे हैं, यही नहीं BSE के 250 से ज्यादा स्टॉक्स LOWER CIRCUIT पर हैं.