दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पिछले कुछ समय से तेजी से गिर रहा है. यह अपने रिकॉर्ड हाई से 30 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. अक्टूबर 2025 की शुरुआत में 1 बिटकॉइन की कीमत 126,000 डॉलर थी, लेकिन अब गिरकर 82,000 डॉलर के करीब आ चुकी है.
बिटकॉइन इस महीने 21 फीसदी से ज्यादा टूटा है, जो पिछले तीन साल की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है. इससे पहले किसी एक महीने के दौरान ज्यादा गिरावट जून 2022 में हुई थी. इस बड़ी गिरावट को लेकर निवेशकों के मन में सवाल है कि ये गिरावट क्यों हो रही है और आगे इसमें तेजी आएगी या फिर अब क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन के दिन खत्म हो गए?
क्यों गिर रहा बिटकॉइन?
एक्सपर्ट्स बिटकॉइन गिरने के कई वजह बता रहे हैं. यह सिर्फ मुनाफावसूली ही नहीं, बल्कि फेड रेट कटौती की उम्मीद कम होना और डॉलर की मजबूती समेत कई ऐसी वजहें हैं, जिसकी वजह से क्रिप्टोमार्केट के सबसे बड़ी करेंसी में गिरावट आई है.
1.ब्याज दर कटौती की उम्मीद कम
अमेरिका के मजबूत जॉब डाटा आंकड़ों की वजह से रेट कटौती की उम्मीदें कम हो चुकी है. फेडरल रिजर्व बैंक के रेट कटौती ना करने से बिटकॉइन पर असर होगा, क्योंकि जब रेट हाई होता है तो लोग बिटकॉइन जैसे असेट में निवेश को छोड़कर मजबूत असेट में पैसा लगाते हैं.
2.अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना
डॉलर मजबूत हो रहा है, जो बिटकॉइन के लिए निगेटिव संकेत है, क्योंकि जब डॉलर की मजबूती बढ़ती है तो निवेशक बिटकॉइन से पैसा निकालने को देखते है.
3.ईटीएफ से पैसा निकालना
बिटकॉइन के गिरावट के दौरान ही निवेशक बिटकॉइन ETF से भी पैसा बड़े स्तर पर निकाल रहे हैं. ऐसे में बिटकॉइन में इनफ्लो कम हो रहा है.
4.सेलिंग और प्रॉफिट बुकिंग
बहुत सारे ट्रेडर्स लिवरेज का इस्तेमाल करते हैं, जब बिटकॉइन गिरता है, तो इनकी लॉन्ग पोजीशन बंद हो जाती है. ये लिक्विडेशन और ऑटो सेल ऑर्डर एक कैस्केड इफेक्ट बना सकते हैं, जिससे गिरावट बढ़ जाती है. इसके अलावा, बिटकॉइन के बहुत से बड़े ट्रेडर्स मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे में जब प्रॉफिट बुकिंग होती है तो बिटकॉइन में गिरावट आती है.
क्या खत्म हो सकता है बिटकॉइन का फ्यूचर?
बहुत से एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक नॉर्मल करेक्शन है. एक रैली के बाद की गिरावट हो सकती है. इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट या बिटकॉइन पूरी तरह से क्रैश हो जाएगा. लेकिन ये कितना गिरेगा या कब तेजी आएगी... इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें लिक्विडेशन, बड़े होल्डर्स की सेल और ETF आउटफ्लो जैसे कारण से रिस्क बना हुआ है.
(नोट- बिटकॉइन या किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)