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US का एक फैसला... जापान से कोरिया तक झूमे शेयर बाजार, भारत के लिए भी पॉजिटिव सिग्नल

US Fed Rate Cut Impact: भारतीय शेयर बाजार के लिए विदेशों से पॉजिटिव सिग्नल मिल रहे हैं और सेंसेक्स-निफ्टी सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन तेज शुरुआत कर सकते हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पॉलिसी रेट में कटौती के फैसले के बाद यूएस, जापान समेत तमाम बाजार बमबम हैं.

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अमेरिका में पॉलिसी रेट कट का भारत पर दिख सकता है असर (Photo: ITGD)
अमेरिका में पॉलिसी रेट कट का भारत पर दिख सकता है असर (Photo: ITGD)

अमेरिका में ट्रंप और फेड के बीच बीते कुछ दिनों से जारी गरमा-गरमी के बाद आखिरकार फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला ले लिया है. बुधवार को दो दिवसीय एफओएमसी बैठक के नतीजों के बारे में बताते हुए यूएस पॉलिसी रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया. अमेरिका में लिए गए इस बड़े फैसले आ असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला है. जहां US Stock Market ग्रीन जोन में क्लोज हुए, तो वहीं जापान से लेकर साउथ कोरिया तक तमाम एशियाई बाजार जोरदार तेजी के साथ कारोबार करते नजर आ रहे हैं. गिफ्टी निफ्टी भी खुलने के साथ ही दौड़ लगा रहा है और ये भारतीय शेयर बाजार के लिए भी पॉजिटिव सिग्नल हैं. 

जापानी मार्केट बन गया रॉकेट 
एक ओर जहां फेड रेट कट के असर के चलते अमेरिकी इंडेक्सों में हरियाली नजर आई और डाउ जोंस 260 अंक, जबकि डाउ फ्यूचर 136 अंकों की जोरदार तेजी के साथ बंद हुए. तो वहीं गुरुवार को एशियाई बाजारों में कारोबार की शुरुआत होते ही तमाम देशों के बाजार झूम उठे. सबसे ज्यादा उछाल जापान के निक्केई इंडेक्स में देखने को मिला, जो खबर लिखे जाने तक 487.05 अंकों की तूफानी तेजी के साथ 45,277.43 पर पहुंचकर कारोबार कर रहा था. 

कोरियाई बाजार 1% से ज्यादा उछला
न केवल जापान, बल्कि अन्य एशियाई बाजारों की बात करें, तो साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 34.27 अंक या 1 फीसदी की तेज उछाल के साथ 3448.69 पर का कारोबार कर रहा था. इसके अलावा डीएएक्स में 29 अंकों की, जबकि FTSE100 इंडेक्स में 15 अंकों की तेजी देखने को मिली. Gift Nifty भी खुलने के साथ ही 50 अंक की तेजी लेकर 25,524 पर ट्रेड कर रहा था, जो भारतीय बाजार के लिए पॉजिटिव संकेत है. 

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भारतीय बाजार के लिए रेट कट के क्या मायने? 
अमेरिका में होने वाली किसी भी फाइनेंशियल उथल-पुथल का प्रभाव भारतीय बाजार पर देखने को मिलता है और इस साल के पहले रेट कट का असर भी सेंसेक्स-निफ्टी पर दिख सकता है. इसके अलावा इसके अन्य प्रभावों की बात करें, तो अमेरिका में कम यील्ड से भारतीय शेयरों और बांडों में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है. इसके साथ ही रुपये की स्थिरता में सुधार हो सकता है, जबकि डॉलर में नरमी से आयात महंगाई का दबाव घट सकता है. खासतौर पर आईटी और मेटल सेक्टर को अमेरिका से जुड़े पूंजीगत व्यय में वृद्धि से अल्पावधि में लाभ हो सकता है.

(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)

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